रविवार, 8 अप्रैल 2018

जिम ट्रेनर रही हैं फिल्म अभिनेत्री मुग्धा गोडसे-डा. अनुजा भट्ट

जन्मदिन 26 जुलाई
साभार मायापुरी

   इस सप्ताह मैंने फिल्म अभिनेत्री  मुग्घा गोडसे का इंटर्व्यू किया। पाठकों की यह दिलचस्पी रहती हैं कि वह एक्ट्रेस की लाइफ स्टाइल के बारे में जानना चाहते हैं। इसलिए हर रविवार मैंने तय किया कि आपको किसी सेलिब्रिटी से मिलाया जाए। आज का अंक मुग्धा गोडसे के साथ..
  पहला सवाल अभिनेत्री नहीं होती तो क्या होती..
 एक बहुत बड़े जिम की मालकिन। या अंतरराष्ट्रीय जिम ट्रेनर। आपको मालूम है मॉडल बनने से पहले एक जिम में काम करती थी मैं 17 साल की उम्र से वर्क-आउट कर रही हूं। इसलिए मुझे एक्सरसाइज और अच्छी डाइट के बारे में बहुत कुछ पता है। यह जरूर है कि कभी-कभार मैं भी उन चीजों को खा लेती हूं, जिनसे आपका वजन बढ़ता है। लेकिन उसके बाद मैं अपनी एक्सरसाइज बढ़ा देती हूं। सप्ताह में कम से कम चार दिन सुबह पौने घंटे की एक्सरसाइज जरूर करती हूं, जिसमें कार्डियो, वेट वगैरह होता है।
 वेट लास के लिए क्या एक्सरसाइज पर्याप्त है...
 सिर्फ एक्सरसाइज करने से हर कोई बोर हे जाता है  मेरे साथ भी यह होता है ।कभी-कभी मैं किक-बॉक्सिंग भी करती हूं और स्विमिंग भी। मैं डांस भी करती हूं,  मुझे योगा करना अच्छा लगता है। इससे मुझे शांति मिलती है। हमारी लाइफ अब ऐसी हो गई है कि काम का दबाव तो बना ही रहता है। मेरा मानना है कि हर चीज के बारे में पॉजिटिव सोच रख कर भी आप खुद को अंदर से फिट रख सकते हैं।
कौन सा डाइटचार्ट फालो करती हैं..
मैंने अपने लिए कोई डाइट चार्ट तो नहीं बनाया हुआ है, लेकिन मेरी कोशिश रहती है कि कम कार्बोहाइड्रेट, हाई प्रोटीन और हाई फाइबर वाला खाना लूं। नाश्ते में मैं कभी अंडे तो कभी साउथ इंडियन फूड लेती हूं। प्रोटीन स्नेक्स भी लेती हूं, जिनसे एनर्जी बनी रहती है। सलाद लेना मुझे बहुत पसंद है। रोस्टेड चिकन मिल जाए तो मैं कुछ और देखती भी नहीं हूं। दाल काफी लेती हूं, क्योंकि इसमें प्रोटीन ज्यादा होता है। मुझे अपनी दाल में ढेर सारा लहसुन अच्छा लगता है। साथ ही खाने में अचार लेना तो हम मराठियों की कमजोरी है।
 जंकफूड बिलकुल नहीं लेती...
आप चाहें दिल को कितना भी समझाएं, जीभ को नहीं समझा सकते।कभी-कभार जंक फूड भी लेती हूं
 मुग्धा गोडसे के ब्यूटी टिप्स
खूबसूरती को मिंटेन करने के लिए खासतौर से अपनी स्किन का ख्याल रखना बहुत जरूरी है। अपनी बॉडी को समझ कर हमें ब्यूटी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करना चाहिए न कि टेलीविजन में उसके विज्ञापन देख कर। अपने चेहरे को मैं बार-बार धोती हूं और रात को बिना मेकअप साफ किए नहीं सोती हूं। इसी तरह से अपने बालों को भी हमेशा साफ रखती हूं। मेरा मानना है कि स्किन और बालों की भी सफाई होती रहे तो सुंदर दिखने के लिए यह काफी है।

शनिवार, 7 अप्रैल 2018

रोक-टोक- रिश्ताें की प्यारी कहानी-दर्शना बांठिया


सुमित और समीरा में बहुत अच्छी दोस्ती थी....और ये दोस्ती कब प्यार में बदल गई, पता ही नहीं चला।
शादी करने में काफी अड़चने आई , क्योंकि अन्तरजातीय विवाह था......पर दोनों ने आपसी समझ से सब सँभाल लिया।
दोनों खुशी से हनीमून मनाने गए। वापसी के समय प्लेन में सुमित ने समीरा को कई हिदायतें दी.....
"सुमी अब तुम्हें बहुत सँभल कर रहना है...मम्मी को शिकायत का एक मौका भी मत देना"....'कैसे रहना.....कब कैसे  कपड़े पहनना.....कब बोलना....वगैरह....-वगैरह  ढेरों अटकलें  सुमित ने बताई।
समीरा हैरानी से सुमित को देखने लगी.....,और बोली..."पता है सुमित..... मैं भी एक जॉन्ट फैमिली से आई हूँ,ये सारी बातें मैं भी जानती हूँ...,तुम ज्यादा ही सोच रहें हो."...।
तभी अनाउंसमेंट हुई और दोनों अपने सीट बेल्ट उतारकर ,बैग लेकर जाने लगे।
"सुमी घर में घुसने से पहले चुन्नी से सर ढ़क लेना....,और जो भी गिफ्टस लाएं है ,वो पहले सबको दे देना".... सुमित बोला।
समीरा समझदार थी,वो चुप-चाप सुन रहीं थी, उसे लगा शायद हमारी लव मैरिज हुई है,इसलिए ज्यादा नर्वस हो रहा है।
"आ गए बच्चों"....सुमित की मम्मी उनको वेलकम करनें के लिए बाहर  लॉन में खड़ी थी,
सुमी ने प्रणाम किया...और सामान अंदर ले जाने लगी..।
अरे!बेटा ये सब छोड़ो ......सुमित ले आएगा.,. सुमित की माँ ,समीरा का हाथ पकड़ कर  अंदर ले गई।
धीरे धीरे समीरा ने सबके दिल में जगह बना ली.....सुमित की मम्मी अपनी बहु से खुश थी।
"सुमी.....तुम मम्मी से हंसी -मजाक मत किया करो.....और कल पापा बैठे थे,फिर भी सर नहीं ढका ,उन्हें बुरा लगा तो."...सुमित बोला।
समीरा हैरानी से देखती है,और बोलती है,"मम्मी ने आपसे कुछ कहा क्या ...वो भी मेरे से हंसते -बोलते है....तो मुझे लगा उन्हें ये सब पसंद है....
'नहीं उन्होंने मुझसे कुछ नहीं कहा'.,पर फिर भी....सुमित बोला।
''तो आप को क्या परेशानी है...घर में चार ही लोग है...आप और पापा ऑफिस चले जाते हो .....तो किससे बातचीत करें",
"सुमित आप बेवजह ही परेशान हो रहे हो.....सब  कुछ ..सही चल रहा है"-समीरा ने नाराजगी से बोला।
【समीरा को बहुत बुरा लगता कि, वो सब का ध्यान रखती है,सब उससे खुश है,फिर भी सुमित क्यों रोक-टोक करता है....शादी से पहलें तो ऐसा  नहीं था....पर अब क्यों?】
अगले दिन समीरा उदास मन से किचन में सब्जी बना रही थी तभी समीरा की सास बोली:-
"क्या हुआ बेटा,आज तबीयत ठीक नहीं है क्या.,या सुमित ने कुछ कहा.....उसकी तो खैर नहीं आज.....सुमित......इधर आ तो."
हाँ ...बोलो माँ.......,सुमित बोला।
"तूने बहु से कुछ कहा.....,झगड़ा किया.....देख ना सुबह से चुप सी है....
जब तक हम दोनों हंसी मजाक न करें,मेरा तो दिन ही शुरू नहीं होता....और ये क्या..... कल तो पापा ने मना किया था ...कि "पल्लू वगैरह कुछ नहीं लेना....शर्म आँखों में होनी चाहिए..., और तू तो हमारी  बेटी जैसी है"....समीरा की सास ने प्यार से उसे गले लगा लिया।
समीरा सुमित को देखने लगी,सुमित नजरें नीची कर किचन से बाहर चला गया।
            सच है दोस्तों,शादी के समय हमें कितनी  हिदायतें दी जाती है , ऐसा करना है....ऐसे बोलना है,कभी-कभी ऐसे लगता है कि हम दूसरे ग्रह से आयीं है ,जो इतनी बातें कर रहें हो,हम भी परिवार के बीच में रहे  है ,सही -गलत सब जानते है,फिर भी  रोक-टोक करना हमेशा चालू रहता है।

शुक्रवार, 6 अप्रैल 2018

खुश रहना डाेना- साेमा सुर


कल डोना  को देखा, पहले की तरह हँसती मुसकुराती । बहुत अच्छा लगा। थोड़े दिन पहले जब मै उससे मिली थी ,तब  न तो उसके होठो पर हँसी थी न तो कोई  रौनक । आइए, पहले आपसे डोना का परिचय करवा दूँ।  ६ साल पहले की बात है जब हम इस नये शहर मे आये , डोना कि फेमिली  से हमे हमारे किसी परिचित ने मिलवाया था और डोना परिचय करवाया था,"  शी इज वेरी टेलेंटेड गर्ल। शी इज इन क्लास फीव्थ।गाट फर्स्ट पाेजिशन  इन एवरी क्लास। शी इज सुपर डांसर, सिंगर एंड आर्टिस्ट। शी गाट गाेल्ड मैडल्स इन एवरी ड्राइंड कंप्टीशन, सिंगिंग एंड डांस कंप्टीशन।(She is very talented girl . She is in class 5th . Got 1st position in every  class. She is super dancer , singer and artist . she got gold medals in every drawing competitions , singing and dance competitions.)  साथ मे उसकी मॉ  ने उसके कुछ और एचीवमेंट्स के बारे मे बताया । जैसे कितने गाेल्ड मैडल, शील्ड्स हैं और उन्हे इन सबको रखने को लिये एक नया शाेकेस बनवाना है । क्योकि मेरा बेटा भी फीव्थ मे ही था , तो उन्होने उसके  एचीवमेंट्स  जानने चाहे।  ड्राइंग,मेरे बेटे को लिये आड़ी तिरछी रेखाएं खींचना ही एक एचीवमेंट्स  थी । हॉ सिंगिंग का उसको शौक था पर हम उससे पहले एक छोटे शहर मे रहते थे जहॉ हम चाह कर भी उसे कुछ सिखा नही सके । ये सब सुनकर वो बहुत हताेत्साहित हुये और मुझे अच्छा खासा भाषण भी दिया । उन्हाेंने कहा, आजकल एक्स्ट्रा कैरिकुलर एक्टीविटी बहुत जरूरी है । हमारी बेटी तो जीवल है।इसकी मॉ  तो सारा दिन इसके पीछे ही लगी रहती है।

मैने जानना चाहा कि इतनी छोटी लड़की इतना सब कैसे मैनेज करती है । उसकी मॉ  ने मुझे बताया हम तो  टाइम मैनेजमेंट करते है , स्कूल से आने को बाद उसके क्लासेज डिवाइड होते है । शाम को 4 बजे से 8बजे तक । फिर घर पर आकर स्कूल की स्टडीज। सच बताँऊ,  एक बार तो मुझे फील हुआ कि क्या मै इतनी अच्छी मॉ नही हूँ ?

उसके बाद हम जब भी मिलते तो डोना  के गाेल्ड मैडल और प्राइज की लिस्ट भी बढ़ती जा रही थी। फिर हमारे बच्चे 9क्लास मे आ गये । डोना का सलेक्शन एक नामी  काेचिंग सेंटर मे हो गया । और शुरू हुई उससे और ज्यादा बेहतर करने की  उम्मीद । मंथली टेस्ट मे कितनी  पाेजिशनआयी इससे मेजरमेंट होता था उसका  आईक्यू  , और  इंडीनियरिंग मे   एडमिशन के चांसेज। बुरी तरीके से पिस रही थी वो छोटी सी बच्ची, मॉ - बाप और टीचरो की उम्मीदों के बीच । अब हमेशा उसके सिर मे दर्द रहता था। पढ़ नही पाती थी।  डिप्रेस्ड थी। एक दिन उसने अपनी सारी किताबें फाड़ दी । उसके पेरेंट्स उसे काउंसलिंग को लिए ले गये । कांउसलर्स कि सलाह पर अभी उसकी स्टडीज बिलकुल बन्द हैं । इस बार वो बाेर्ड नही देगी । लोग उससे  पुछते हैं तो उसकी मॉ उससे पहले ही नार्मली कह देती हैं डोना इस बार एग्जाम नही देगी।  और उस समय उसके चेहरे की चमक और बढ़ जाती है । लोग पीठ पीछे कहते है देखो एग्जाम नही दे पी रही फिर भी कितनी खुश लगती है। पर डोना,  मुझे पता है कि तुम खुश हो क्योकि तुम्हारे  पेरेंट्स अब तुम्हारे साथ है, उन्हें तुम्हारे नंबराें से अब कोई मतलब नही । तुमसे वो कितना प्यार करते है ये उन्होने साबित कर दिया। तुम हमेशा हँसती, मुसकुराती रहो । जीवन मे आगे बढ़ो । हमारी शुभकामनायें हमेशा तुमहारे साथ हैं ।

गुरुवार, 5 अप्रैल 2018

थके थके से क्यों हैं आप? डॉ.अनुजा भट्ट


हर सोमवार जब हम सुबह उठते हैं तो खुद को थका हुआ महसूस करते हैं और इसके लिए पिछले सप्ताह की व्यस्त कार्यशैली को उत्तरदायी ठहराते हैं। लेकिन हम यह महसूस नहीं करते कि इसकी वजह हमारी कार्यशैलीहै। पर्याप्त मात्रा में नींद न आना, व्यायाम न करना, पोषण युक्त भोजन न करना जैसे पर्याप्त कारण हैं जो आपके स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। आपकी जीवनशैली फिलहाल आपको बहुत खुशी दे रही है लेकिन कुछ ही समय बाद जब हमारा शरीर साथ देना बंद कर देगा तब तक बहुत देर हो चुकी होगी। बहुत सारे लोग इस बारे में नहीं जानते कि पर्याप्त नींद न होने से या नींद में कमी आने से, स्वास्थ्यवर्धक खाना न खाने से और समय पर व्यायाम न करने से हम बहुत सारी बीमारी को निमंत्रण दे रहे हैं। जैसे मोटापा, ह्रदय संबंधी बीमारी कैंसर, डायबिटीज आदि। और दूसरी तरफ जो लोग जानते हैं और अनदेखी कर रहे हैं उनके शरीर की शक्ति धीरे-धीरे कम हो रही है।भारत में इस समय दो तरह की बीमारी है पहली संक्रामक और दूसरी असंक्रामक। जो तनाव, अस्वस्थ जीवनशैली और व्यायाम न करने के कारण है। शहरी जीवन में डायबिटीज, हायपरटेंशन, क्रानिक हार्टएलिमेंट्स और कैंसर जैसी बीमारियां बड़ी तेजी से फैल रही हैं। दूसरी तरफ नालों का खुला होना, शौचालय न होना, स्वच्छ पानी का अभाव डैंगू जैसी बीमारी के लिए जिम्मेदार है। दूसरी समस्या है मोटापा। यह बच्चो से लेकर बड़ों सभी को अपनी गिरफ्त में ले रहा है। नींद न होने के कारण दोपहर में नींद आना, सुबह उठते समय सिरदर्द की शिकायत, सीखने की क्षमता और स्मरण शक्ति का कमजोर होना, चिड़चिड़ापन होना या फिर तनाव महसूस करना, मूड चेंज होना जैसे लक्षण दिखाई दें तो सावधान हो जाएं। सांस का कभी- धीमी य कभी तेज गति से चलना भी खतरनाक है। धीरे धीरे आपकी श्वांसनलिका का द्रार छोटा होता जा रहा है और गले का आकार सामान्य से बड़ा। यह एक गंभीर खतरा है। हम सब इसकी अनदेखी कर रहे हैं। हम जंकफूड खाते हैं जो हमारे शरीर से निकलता नहीं है बल्कि जमा हो जाता है। यह हमारे लीवर को क्षतिग्रस्त करता है।यही वह कारण है जिसकी वजह से भारत में लीवर ट्रांसप्लांट कराने वालों संख्या बढ़ती जा रही है।

बुधवार, 4 अप्रैल 2018

बीवी हाे ताे एेसी - मंजू सिंह

किसी ने लडकियों से महफ़िल में एक सवाल पूछा , "आज आप सब एक बात  ईमानदारी से बताइए कि आप कैसी बीवी बनेंगी ?" अधिकतर ने अलग अलग शब्दों में लगभग एक ही जवाब दिया ' 'दुनिया की सबसे अच्छी बीवी ' आप सब ने कह ताे दिया कि आप अच्छी बीवी बनेंगी पर आपकाे मालूम है यह कैसे संभव हाेगा।
 हर लड़की तो यही चाहती है कि उसका भावी पति उसकी तारीफ में हमेशा यही कहे कि ' भई बीवी हो तो ऐसी ' । लेकिन ऐसी पत्नी बनना कोई हँसी खेल नहीं है।
दरअसल यूं तो यह रिश्ता  कभी मंगलसूत्र के काले मोतियों से बंधता ताे ताे कभी काेर्ट कचहरी में कभी माैलवी ताे कभी चर्च में।  कुछ ही क्षणाें में यह दुनिया का सबसे प्यारा रिश्ता बन जाता है। बहुत बार ऐसा भी होता है कि छोटी सी बात पर भी रिश्ते बिगड़ने की नौबत आ जाती है क्योंकि  यह रिश्ता एक तरफा कोशिश से नहीं चलता  । कोशिश दोनो ओर से बराबर होनी चाहिये तभी चलती है यह दो पहियों वाली गृहस्थी की गाड़ी। 
इस रिश्ते में  जरूरी है कुछ खास बातें-
 आपस में प्यार होना और एक दूसरे पर अटूट विश्वास 
देखने में आता है कि पुराने समय के किसी सम्बन्ध की बात पता लगने पर रिश्तों में खटास आ जाती है । कभी कभी वे टूट भी जाते हैं।लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं होना चाहिये क्योंकि अतीत किसी का भी हो सकता है तो इन बातों को अपने आपसी विश्वास पर कभी भारी नहीं पड़ने देना चाहिये। अगर आपका प्यार सच्चा है तो आप ऐसी बातों को कभी तूल नहीं देंगी ।
 परिवार काे जाेड़ने की काेशिश
 विश्वास पारिवारिक बातों को लेकर विश्वास होना चाहिये । पति अपने परिवार की ओर झुकते ही हैं ऐसे में समझदारी से काम लेना चाहिये । जहाँ तक हो सके छोटी छोटी बातें जो घर में दिन भर में होती रहती हैं उन्हें शाम को आते ही पति के कानों में न डालें। सोचिये वह बेचारा तो सैंडविच बन जायेगा । वह माँ और पत्नी में से किसी से भी कम प्यार नहीं करता । तो बातों को आपस में ही सुलझाने की आदत के बारे में पहले ही दिन से कोशिश करनी पड़ेगी ।
मानसम्मान
पति का मान सम्मान बना कर रखना चाहिये । आपस की बात में दूसरों के सामने शर्मिन्दा कभी न करें । लड़ाई झगड़ा किस घर में नहीं होता ! जहाँ दो लोग मिले , वहाँ विचारों का टकराव होना निश्चित ही है लेकिन जिद पर अड़े रहना ठीक नहीं है । बीच का रास्ता अपनाने से बात बन ही जाती है । आर्थिक मामलों में एक दूसरे से कभी कुछ नहीं छुपाना चाहिये ।हर समय पैसे को लेकर चिक चिक नहीं करनी चाहिये। एक दूसरे की इच्छा का और विचारों का मान करना बेहद ज़रूरी है। आज कल पति- पत्नी दोनों आर्थिक रूप से सक्षम होते हैं तो जाहिर है पहले की तरह जी हुजूरी करने वाली पत्नी होना तो असम्भव ही है अब ।
पति भी बदलाव काे स्वीकारें
इस रिश्ते में सारी जिम्मेदारी केवल पत्नी की नहीं ठहराई जा सकती । पति को भीअपने स्वभाव को बदलना पडता है। थकी हारी पत्नी से अगर कोई भी आते ही फरमाइशी कार्यक्रम की उम्मीद करे तो यह मूर्खता होगी ।
देखा जाये तो लड़कियाँ तो खुद को थोड़ा तैयार कर ही लेती हैं परिवार और पति के अनुसार खुद को ढालने के लिये । वे शादी से पहले ही इस बात से परिचित होती हैं कि उन्हें अपनेआप को थोडा तो बदलना होगा।और वे बदल भी जाती हैं ।दिक्कत तब होती है जब सब उस बेचारी से ही परिवार के अनुसार व्यव्हार की उम्मीद करते हैं कोई खुद को उसके अनुसार रत्ती भर भी बदलना नहीं चाहता। यह कोशिश परिवार वाले तभी करते हैं जब पति अपनी पत्नी का साथ देता है।
चिपकू  न बनें
स्पेस हर रिश्ते में ज़रूरी होता है एक दूसरे को स्पेस न देना रिश्ते को खतरे में डाल सकता है।तो चिपकू पत्नी बनने से बचना ही बेहतर उपाय है। कुछ लड़कियाँ अपने पति को दोस्तों से अलग से मिलने जुलने पर शादी होते ही पाबन्दी लगा देती हैं जो कि बहुत गलत है।दोस्त भी ज़िन्दगी में ज़रूरी होते हैं । तो क्यों न प्लान ऐसे बनाया जाये कि जब वो अपने दोस्तों से मिलने जाएं तब आप भी अपनी फ्रेंड्स के साथ प्रोग्राम बना लें ।
 पति पत्नी के रिश्ते से ज्यादा कारगर के दाेस्ती का रिश्ता
वैसे अब काफी बदलाव आ गया है अब पति पत्नी का रिश्ता दोस्ती का होता है और होना भी चाहिये कोई किसी का बॉस बनने की कोशिश करे तो रिश्ते में बराबरी का एहसास नहीं रहता। 

" देखिये पति देव , न तो आप देव हैं न मैं देवी हम दोनों ही इन्सान हैं गलतियां भी करेंगे झगड़ा भी , आखिर नोक झोंक के बिना भी कोई मज़ा नहीं है शादी का।और आप से शादी इसलिये नहीं की है कि मैं आपके पैसे चाहती हूं वो तो मैं कमा सकती हूं लेकिन हाँ इज़्ज़त के लिए किसी समझौते की उम्मीद मत करना।मेरी इज्जत कराेगे तभी प्यार मिलेगा वरना बाय बाय।"
पतिदेव समयके साथ बदलने में ही समझदारी है। अब दोनो बराबर हैं । न आप कम है न मैं ज्यादा।
तो  लड़कियाें शादी से पहले थोड़ा होमवर्क कर लेना चाहिये तभी तो होगा ---
*And they lived happily ever after *



Special Post

मिथक यथार्थ और फेंटेसी का दस्तावेज-डॉ. अनुजा भट्ट

  (अब पहले की तरह किस्से कहानियों की कल्पनाएं हमें किसी रहस्यमय संसार में नहीं ले जाती क्योंकि हमारी दुनिया में ज्ञान, विज्ञान और समाज विज्...