बुधवार, 4 अप्रैल 2018

बीवी हाे ताे एेसी - मंजू सिंह

किसी ने लडकियों से महफ़िल में एक सवाल पूछा , "आज आप सब एक बात  ईमानदारी से बताइए कि आप कैसी बीवी बनेंगी ?" अधिकतर ने अलग अलग शब्दों में लगभग एक ही जवाब दिया ' 'दुनिया की सबसे अच्छी बीवी ' आप सब ने कह ताे दिया कि आप अच्छी बीवी बनेंगी पर आपकाे मालूम है यह कैसे संभव हाेगा।
 हर लड़की तो यही चाहती है कि उसका भावी पति उसकी तारीफ में हमेशा यही कहे कि ' भई बीवी हो तो ऐसी ' । लेकिन ऐसी पत्नी बनना कोई हँसी खेल नहीं है।
दरअसल यूं तो यह रिश्ता  कभी मंगलसूत्र के काले मोतियों से बंधता ताे ताे कभी काेर्ट कचहरी में कभी माैलवी ताे कभी चर्च में।  कुछ ही क्षणाें में यह दुनिया का सबसे प्यारा रिश्ता बन जाता है। बहुत बार ऐसा भी होता है कि छोटी सी बात पर भी रिश्ते बिगड़ने की नौबत आ जाती है क्योंकि  यह रिश्ता एक तरफा कोशिश से नहीं चलता  । कोशिश दोनो ओर से बराबर होनी चाहिये तभी चलती है यह दो पहियों वाली गृहस्थी की गाड़ी। 
इस रिश्ते में  जरूरी है कुछ खास बातें-
 आपस में प्यार होना और एक दूसरे पर अटूट विश्वास 
देखने में आता है कि पुराने समय के किसी सम्बन्ध की बात पता लगने पर रिश्तों में खटास आ जाती है । कभी कभी वे टूट भी जाते हैं।लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं होना चाहिये क्योंकि अतीत किसी का भी हो सकता है तो इन बातों को अपने आपसी विश्वास पर कभी भारी नहीं पड़ने देना चाहिये। अगर आपका प्यार सच्चा है तो आप ऐसी बातों को कभी तूल नहीं देंगी ।
 परिवार काे जाेड़ने की काेशिश
 विश्वास पारिवारिक बातों को लेकर विश्वास होना चाहिये । पति अपने परिवार की ओर झुकते ही हैं ऐसे में समझदारी से काम लेना चाहिये । जहाँ तक हो सके छोटी छोटी बातें जो घर में दिन भर में होती रहती हैं उन्हें शाम को आते ही पति के कानों में न डालें। सोचिये वह बेचारा तो सैंडविच बन जायेगा । वह माँ और पत्नी में से किसी से भी कम प्यार नहीं करता । तो बातों को आपस में ही सुलझाने की आदत के बारे में पहले ही दिन से कोशिश करनी पड़ेगी ।
मानसम्मान
पति का मान सम्मान बना कर रखना चाहिये । आपस की बात में दूसरों के सामने शर्मिन्दा कभी न करें । लड़ाई झगड़ा किस घर में नहीं होता ! जहाँ दो लोग मिले , वहाँ विचारों का टकराव होना निश्चित ही है लेकिन जिद पर अड़े रहना ठीक नहीं है । बीच का रास्ता अपनाने से बात बन ही जाती है । आर्थिक मामलों में एक दूसरे से कभी कुछ नहीं छुपाना चाहिये ।हर समय पैसे को लेकर चिक चिक नहीं करनी चाहिये। एक दूसरे की इच्छा का और विचारों का मान करना बेहद ज़रूरी है। आज कल पति- पत्नी दोनों आर्थिक रूप से सक्षम होते हैं तो जाहिर है पहले की तरह जी हुजूरी करने वाली पत्नी होना तो असम्भव ही है अब ।
पति भी बदलाव काे स्वीकारें
इस रिश्ते में सारी जिम्मेदारी केवल पत्नी की नहीं ठहराई जा सकती । पति को भीअपने स्वभाव को बदलना पडता है। थकी हारी पत्नी से अगर कोई भी आते ही फरमाइशी कार्यक्रम की उम्मीद करे तो यह मूर्खता होगी ।
देखा जाये तो लड़कियाँ तो खुद को थोड़ा तैयार कर ही लेती हैं परिवार और पति के अनुसार खुद को ढालने के लिये । वे शादी से पहले ही इस बात से परिचित होती हैं कि उन्हें अपनेआप को थोडा तो बदलना होगा।और वे बदल भी जाती हैं ।दिक्कत तब होती है जब सब उस बेचारी से ही परिवार के अनुसार व्यव्हार की उम्मीद करते हैं कोई खुद को उसके अनुसार रत्ती भर भी बदलना नहीं चाहता। यह कोशिश परिवार वाले तभी करते हैं जब पति अपनी पत्नी का साथ देता है।
चिपकू  न बनें
स्पेस हर रिश्ते में ज़रूरी होता है एक दूसरे को स्पेस न देना रिश्ते को खतरे में डाल सकता है।तो चिपकू पत्नी बनने से बचना ही बेहतर उपाय है। कुछ लड़कियाँ अपने पति को दोस्तों से अलग से मिलने जुलने पर शादी होते ही पाबन्दी लगा देती हैं जो कि बहुत गलत है।दोस्त भी ज़िन्दगी में ज़रूरी होते हैं । तो क्यों न प्लान ऐसे बनाया जाये कि जब वो अपने दोस्तों से मिलने जाएं तब आप भी अपनी फ्रेंड्स के साथ प्रोग्राम बना लें ।
 पति पत्नी के रिश्ते से ज्यादा कारगर के दाेस्ती का रिश्ता
वैसे अब काफी बदलाव आ गया है अब पति पत्नी का रिश्ता दोस्ती का होता है और होना भी चाहिये कोई किसी का बॉस बनने की कोशिश करे तो रिश्ते में बराबरी का एहसास नहीं रहता। 

" देखिये पति देव , न तो आप देव हैं न मैं देवी हम दोनों ही इन्सान हैं गलतियां भी करेंगे झगड़ा भी , आखिर नोक झोंक के बिना भी कोई मज़ा नहीं है शादी का।और आप से शादी इसलिये नहीं की है कि मैं आपके पैसे चाहती हूं वो तो मैं कमा सकती हूं लेकिन हाँ इज़्ज़त के लिए किसी समझौते की उम्मीद मत करना।मेरी इज्जत कराेगे तभी प्यार मिलेगा वरना बाय बाय।"
पतिदेव समयके साथ बदलने में ही समझदारी है। अब दोनो बराबर हैं । न आप कम है न मैं ज्यादा।
तो  लड़कियाें शादी से पहले थोड़ा होमवर्क कर लेना चाहिये तभी तो होगा ---
*And they lived happily ever after *



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