कहते हैं घर आपके व्यक्तित्व को दर्शाता है। घर की साजसज्जा से रुचि का पता चलता है। अनुराधा वर्मा कहती हैं कि मेरा घर मेरे लिए एक मेरी पसंदीदा कलात्मक किताब की तरह से है जिसके हर पन्ने में कला के रंग हों और जो सबका मन मोह ले। यह मेरे परिवार के सदस्यों में खुशी के भाव पैदा करे। मैं घूमने की शौकीन हूं। जहां-जहां जाती हूं वहां की खास चीजें ले आती हूं। मेरे घर में हर तरह का क्राफ्ट है। कलकत्ता दिल्ली से खरीदी गई तांबे की मूर्तियां मैंने एक स्पेशल कार्नर में सजाई हैं जहां बैठकर मैं सुबह की चाय पीती हूं।
मेरे घर की साजसज्जा में ओरिएंटल थीम दिखाई दे सकती है। यह जो कुर्सियां हैं वह चीन की परंपरागत कुर्सियां हैं जिसमें दूल्हा- दुल्हन बैठते हैं। मुझको इसकी बनावट बहुत पसंद है क्योंकि यह सादगी भरा प्रभाव छोड़ती है। मेरे पास मुरानो ग्लास का संग्रह भी है जिसे मैंने इटली से खरीदा। मैक्सिको और स्पैन की पोटरी मेरी पसंदीदा है। भारतीय एथेनिक मोटिफ मुझको पसंद हैं जिनका मैंने प्रयोग किया है। गणेश मुझे पसंद हैं। मैं जब भी भारत जाती हूं गणेश अवश्य लेकर आती हूं। मेरे घर के प्रवेशद्रार पर गणेश विराजे हैं। मैं हमेशा सादगी की तलाश में रहती हूं। अपने नए नए विचारों को मैं कला के रूप में सजाती संवारती हूं। मुझे घर सजाना, घूमना और फोटोग्राफी का शौक है यह तीनों चीजें मेरी रचनात्मकता को बढ़ाती हैं।