The fashion of the whole world is contained within the folk art.
मंगलवार, 9 अक्टूबर 2018
नवरात्रि में रखें अपने खानपान का ख्याल
नवरात्र में लोग नौ दिन व्रत रहकर भगवान की पूजा अर्चना करते हैं, तो कई श्रद्धालु पूरे नव दिनों का उपवास भी रखते हैं। नवरात्रों में व्रत-पूजा की महत्ता सालों से चली आई है । आज बदलते समय के साथ ही व्रत पूजा के मायने भी कुछ दि तक बदल गये हैं। कुछ लोग ऐसे भी हैं जो वज़न घटाने के लिए नौ दिनों का व्रत रखते हैं । लेकिन आहार विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसा करना बिलुकल गलत है। अगर आप वज़न घटाने के लिए व्रत रख रहे हैं, तो भी आपको अपने खान-पान पर विशेष ध्यान देने की ज़रूरत है ।
बीमार लोगों को डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही उपवास रखना चाहिए। विशेष तौर पर डायबिटीज या उच्च रक्तचाप या हृदय के मरीज को। गर्भवती महिलाओं को व्रत रखने से परहेज करना चाहिए। व्रत स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है बशर्ते कुछ बातों का ध्यान रखा जाए।
इन्हें आजमाएं
- व्रत के शुरुआत में भूख काफी लगती है। ऐसे में पानी में नींबू और शहद डालकर पिएं। इससे भूख को नियंत्रित रखने में मदद मिलेगी।
- निर्जला उपवास न रखें। इससे शरीर में पानी की कमी हो जाती है और अपशिष्ट पदार्थ शरीर के बाहर नहीं आ पाते। इससे पेट में जलन, कब्ज, संक्रमण, पेशाब में जलन जैसी कई समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
- एक साथ खूब सारा पानी पीने के बजाए दिन में कई बार नींबू वाला पानी पिएं।
- व्रत के दौरान चाय, काफी का सेवन काफी बढ़ जाता है। इस पर नियंत्रण रखें।
- व्रत के दौरान आलू चिप्स और दूसरे स्नैक्स कम से कम खायें।
क्या खाएं
- सुबह एक गिलास दूध पिएं।
- दोपहर के समय फल या जूस लें। शाम को चाय पी सकते हैं।
- कई लोग व्रत में एक बार ही भोजन करते हैं। ऐसे में एक निश्चित अंतराल पर फल खा सकते हैं।
- रात के खाने में कुट्टू या सिंघाड़े के आटे से बनी पूरी और आलू, पकौड़ी और चीले खा सकते हैं।
इस डायट प्लान को फालो करने के अलावा आपको कुछ और बातों पर भी ध्यान देना चाहिए
- पूरा दिन थोड़ा-थोड़ा खाते रहने की बजाय दिन में 4-5 बार फल या जूस का सेवन करें ।
- अच्छा होगा आप सुबह की शुरूआत हैवी नाश्ते से करें ।
- अपनी स्वास्थ्य स्थितियों को देखते हुए ही व्रत करें ।
- नौ दिन के उपवास का अर्थ यह नहीं है, कि आप दसवें दिन जब खाना खायें तो कुछ भी खा लें ।
- नौ दिनों के व्रत के बाद आपको संतुलित आहार का ही सेवन करना चाहिए ।
- साभार- अोनलीमाईहेल्थ
सदस्यता लें
संदेश (Atom)
Special Post
विदा - कविता- डा. अनुजा भट्ट
विदा मैं , मैं नहीं एक शब्द है हुंकार है प्रतिकार है मैं का मैं में विलय है इस समय खेल पर कोई बात नहीं फिर भी... सच में मुझे क्रि...
-
घाट से आते समय एक अलग सी अनुभूति हो रही थी। छूट गया सब कुछ... आज पंक्ति में क्रम बदल गया था। दीपक सबसे आगे फिर मैं उसके बाद मेरा देवर देवरान...
-
यह मैं कोई अनोखी बात नहीं कह रही हूं कि भारत विविधता भरा देश है बोली भाषा खानपान सब कुछ अलग-अलग है। हम सब इस बात के जानते हैं। लेकिन हम महसू...
-
एक पांव दहलीज के बाहर जा रहा है सपनाें की उड़ान और कशमकश के बीच आसमान में उड़ती पतंग काे देख रही हाथ में डोर लिए एक। युवा और किशाेराें के ...