The fashion of the whole world is contained within the folk art.
मंगलवार, 30 अक्टूबर 2018
जीभरकर साेएं बदलें में इनाम भी पाएं- डा. अनुजा भट्ट
कंपनी का मानना है कि बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए कर्मचारियों के लिए पर्याप्त नींद जरूरी है। इसलिए उन्होंने पर्याप्त नींद लेने वाले कर्मचारियों को इनाम देने का फैसला किया है। कंपनी के प्रमुख केजूहिको मोरियामा का कहना है कि हमें कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा करनी होगी नहीं तो देश खुद-ब-खुद कमजोर हो जाएगा। यह कंपनी ऐप के जरिए सोने का ट्रैक जारी करती है। खासतौर पर विकसित किए गए एक ऐप के जरिए सोने के घंटे का ट्रैक रखा जाता है।
यह कंपनी नींद के अलावा बेहतर पोषण, व्यायाम और कार्यालय में पॉजिटिव माहौल को बढ़ावा भी देती है।
‘फुजी रियोकी’ नाम की कंपनी के सर्वे के मुताबिक, 20 साल से अधिक उम्र के 92 प्रतिशत से ज्यादा जापानियों का कहना है कि उन्हें पर्याप्त नींद नहीं मिल रही है। एेसी स्थिति में यह कदम बेहद सराहनीय है।
सोमवार, 29 अक्टूबर 2018
निंरतर प्रयास से ही मिलती है सफलता
प्रयास तभी सफल हाे सकते हैं जब आप नियमित रूप से एक साधना की तरह उसे करें।यह बात मैं अपने निजी अनुबव से कह रही हूं। आत्मअनुशासन आपकाे सफलता देता है और अगर आप चूक गए ताे आपकी सारी मेहनत पर पानी फिर जाता है। पहले मैं साेचती थी मेहनत पर पानी फिर जाने का क्या अभिप्राय हा सकता है। इसी तरह
शनिवार, 27 अक्टूबर 2018
मंगलवार, 23 अक्टूबर 2018
क्या आपकी जेब में 5 रूपये हैं ......
साेशल मीडिया के जरिए भी आप सामाजिक कार्य कर सकते हैं। इसके जरिए आप अपने सपने काे कई लाेगाें के साथ साझा कर सकते हैं। अभी दशहरे के दिन हल्द्वानी में थाल सेवा का शुभारंभ हुआ। थाल सेवा स्थानीय नागरिकों की एक पहल है जिसे सोशल मीडिया द्वारा क्राउड फंड किया जाता है। हल्द्वानी के 10 नागरिकों के समूह ने एक साथ मिलकर यह सेवा चलाई है जिसमें 400 ग्राम मात्रा में चावल, सब्जी, दाल और सलाद होती है। इस ग्रुप के फाउंडर में हाउसवाइव्स, प्रफेशनल और स्थानीय व्यापारी भी शामिल हैं जो वॉट्सऐप और फेसबुक के जरिए फंड इकट्ठा करते हैं।
इस भरपेट भोजन के लिए उन्हें सिर्फ 5 रुपये अदा करने होते हैं और खाना भी विशेष खानसामाओं की निगरानी में तैयार किया जाता है। इस पहल का नेतृत्व करने वाले दिनेश मनसेरा बताते हैं, 'हमने इस विचार के साथ इस मुहिम की शुरुआत की कि जो लोग अपने पारिवारिक सदस्य या किसी रिश्तेदार का हल्द्वानी के सरकारी अस्पताल में इलाज कराने आते हैं, उनको भोजन उपलब्ध कराया जा सके।' वह आगे कहते हैं, ''उनमें से कई ऐसे हैं जो भरपेट भोजन नहीं वहन कर सकते। इस तरह हमने प्रॉजेक्ट का स्कोप बढ़ाकर उन सभी लोगों को इसमें शामिल किया जिन्हें उचित मात्रा में भोजन नहीं मिल पाता।
उन्हें इस नेक काम की बदौलत उन्हें कनाडा, दुबई और मॉरीशस से भी डोनेशन मिलता है। अस्पताल में अपने किसी करीबी का इलाज कराने आए पान सिंह बताते हैं, 'मील सर्विस उन लोगों के लिए बड़ी मदद है जिन पर अपने किसी पारिवारिक सदस्य की देखभाल करने का जिम्मा होता है।'
सोशल मीडिया में इस पहल को देखकर डोनेट करने वाले स्कॉटलैंड के सॉफ्टवेयर इंजिनियर आतिन अरोड़ा बताते हैं, 'इस तरह दान करना संतोषजनक है जिससे लोगों को मदद मिले।' यह समूह विकलांगों और मानसिक रूप से बीमार लोगों से पैसे नहीं लेता है।
इस भरपेट भोजन के लिए उन्हें सिर्फ 5 रुपये अदा करने होते हैं और खाना भी विशेष खानसामाओं की निगरानी में तैयार किया जाता है। इस पहल का नेतृत्व करने वाले दिनेश मनसेरा बताते हैं, 'हमने इस विचार के साथ इस मुहिम की शुरुआत की कि जो लोग अपने पारिवारिक सदस्य या किसी रिश्तेदार का हल्द्वानी के सरकारी अस्पताल में इलाज कराने आते हैं, उनको भोजन उपलब्ध कराया जा सके।' वह आगे कहते हैं, ''उनमें से कई ऐसे हैं जो भरपेट भोजन नहीं वहन कर सकते। इस तरह हमने प्रॉजेक्ट का स्कोप बढ़ाकर उन सभी लोगों को इसमें शामिल किया जिन्हें उचित मात्रा में भोजन नहीं मिल पाता।
उन्हें इस नेक काम की बदौलत उन्हें कनाडा, दुबई और मॉरीशस से भी डोनेशन मिलता है। अस्पताल में अपने किसी करीबी का इलाज कराने आए पान सिंह बताते हैं, 'मील सर्विस उन लोगों के लिए बड़ी मदद है जिन पर अपने किसी पारिवारिक सदस्य की देखभाल करने का जिम्मा होता है।'
सोशल मीडिया में इस पहल को देखकर डोनेट करने वाले स्कॉटलैंड के सॉफ्टवेयर इंजिनियर आतिन अरोड़ा बताते हैं, 'इस तरह दान करना संतोषजनक है जिससे लोगों को मदद मिले।' यह समूह विकलांगों और मानसिक रूप से बीमार लोगों से पैसे नहीं लेता है।
शनिवार, 20 अक्टूबर 2018
बुधवार, 17 अक्टूबर 2018
मंगलवार, 16 अक्टूबर 2018
शुक्रवार, 12 अक्टूबर 2018
दुर्गा पूजा - एक नजर फैशन पर भी- डा. अनुजा भट्ट
उत्सव का माैसम आ गया है। पूजा, करवाचौथ, दीपावली स लेकर नए साल केआगाज तक। माैसम में मस्ती पूरी तरह घुली हुई है। और एेसे माैसम में हम फैशन की बात न करें ताे यह कैसे हाे सकता है। हर त्याैहार के माैके पर नए परिधान पहनना फत्सव का स्वागत भी है और उल्लास का प्रतीक भी।
इस बार फैशन में गिंगम स्टाइल (चेक प्रिंट) में ड्रेसेस का चलन नजर आ रहा है। कहने वाले इसे माेदी जी क गमछे प्रेम से भी जाेड़ रहे हैं। जाे भी हाे वेस्टर्न फैशन से इंस्पायर्ड इंडियन गिंगम पुरुष अपने गले में डाले नजर आते रहे हैं। यही गमछा अब साड़ी में भी आ चुका है। गमछे की लाइंस और बॉक्स जिन्हें चेक्स भी कहते हैं, साड़ी में नए फैशन के रूप में उभरे हैं। कॉटन साड़ी में पेस्टल और वाइब्रेंट कलर कॉम्बिनेशन में गमछा साड़ी यंग दीवाज़ से लेकर साड़ी लवर्स तक को खासी पसंद आ रही हैं। लगभग सभी कलर्स में इन्हें तैयार किया जा रहा है। इनका कूल अंदाज इन्हें समर फ्रेंडली साड़ी की लिस्ट में टॉप चॉइस में शामिल कर रहा है। इसे महिलाएं खूब कैरी कर रही हैं।
ज्वैलरी के साथ स्टाइलिंग
चेक्स साड़ी के साथ स्टाइलिंग के लिए कच्छ की भुजोड़ी ज्वेलरी यानी सिल्वर ऑक्सीडाइज, ट्राइबल ज्वेलरी को टीम-अप कर सकते हैं। इसके साथ शर्ट स्टाइल में ब्लाउज़ तैयार करवा सकते हैं। इसके अलावा मोजड़ी और एंब्रॉइडरी वाली जूतियां या जूते, सैंडल भी इसके साथ बहुत ही अच्छा लुक देती हैं।
खादी, लिनन, कॉटन का प्रयोग
फैशन एक्सपर्ट सपना सिंह परमार बताती हैं, जया जेटली ने वीवर्स की अामदनी बढ़ाने यह आइडिया विकसित किया। यह जीरो मेंटनेंस साड़ी है, जिसे वॉश एंड आयरन करना काफी है। यह स्टेटमेंट साड़ी एलीट क्लास का फैशन बन चुकी है जो कि खादी, लिनन, कॉटन में बन रही है। यह पाउडर, पेस्टल शेड्स में तैयार हो रही हैं। इसके एजेस में पोम-पोम, डेकोरेट एजिंग की जाती है। साड़ी लवर अपराजिता अग्रवाल कहती हैं, इसमें मिक्स ऑफ चेक्स, स्ट्राइप्स बहुत अच्छी लगती हैं।
मिसेज इंडिया फोटोजेनिक निधि जायसवाल बताती हैं कि युवा मोटिफ प्रिंट, गमछा प्रिंट, टसर सिल्क, बाटिक प्रिंट, अफगान ज्वेलरी, आर्टिफिशियल ज्वेलरी युवा को काफी भा रही है। मोटिफ का मतलब होता है छपाई की प्रक्रिया, जिसमें एक ही डिजाइन और पैटर्न को पूरे आउटफिट पर बनाया जाता है। मोटिफ प्रिंट को ब्लॉक प्रिंट भी कहा जाता है और इस बार दुर्गा पूजा के लिए मोटिफ प्रिंट के आउटफिट सबसे अधिक जंचने वाले हैं। कपड़ों के स्टोर्स में आपको मोटिफ प्रिंट के कई सारे आउटफिट मिल जाएंगे और आप चाहें तो ऑनलाइन भी इसे खरीद सकती हैं। इसमें आपको साड़ी से लेकर पैंट्स तक सब कुछ मिल जाएगा।
गमछा यह एक अनोखा हाथ से बना कपड़ा होता है, जिसे विशेष रूप से बंगाल के घरों में प्रयोग किया जाता है। यह काफी मुलायम और पहनने में आसान होता है। डिजाइनर्स अब गमछा से साड़ी से लेकर कई तरह की ड्रेस बनाने लगे हैं। इसमें स्टाइलिश गमछा कुर्ती, सूट-सलवार प्रमुख रूप से शामिल है।
: पारंपरिक सिल्क का कपड़ा होता है टसर और बंगाल और भारत के अन्य हिस्सों में व्यापक रूप से इसकी खेती की जाती है। कई सालों से लोग टसर का प्रयोग साड़ी बनाने में करते हैं। टसर सिल्क की साड़ी हर वर्ष की तरह वर्ष भी हिट है। इस साल भी आप टसर की सिल्क साड़ी में थोड़ा बदलाव कर पहन सकती हैं। टसर सिल्क पर एंब्राम्यडरी की हुई साड़ी इस दुर्गा पूजा में आपकी खूबसूरती के साथ-साथ स्टाइल में चार चांद लगा देगा।
अफगान व आर्टिफिशियल ज्वेलरी बनीं पसंद: कपड़ों के साथ-साथ फैशन और ट्रेंड में ज्वेलरी भी चल रही है। इस साल दुर्गा पूजा पर अफगान ज्वेलरी खूब जंचेगी। इसे आप साड़ी, कुर्ता या फिर किसी भी ड्रेस के साथ मैच कर सकती हैं। इतना ही नहीं युवाओं के बीच आर्टिफिशियल ज्वेलरी भी पसंद में शुमार है।
लड़कों में कुर्ता-पायजामा ऑन डिमांड: युवाओं को फेस्टिव लुक मिले, इसके लिए नए-नए रंगों के साथ उनके कलेक्शन पेश किए गए हैं। इस पूजा बाजार में प्रिंट्स का चलन है। इन शर्ट को फॉर्मल पैंट और कैजुअल जींस के साथ भी पहनने के लिए डिजाइन किया गया है। इस बार पूजा में यंगस्टर्स के लिए बैलून पैंट और कुर्ता-पायजामा, धोती स्टाइल जैसे ट्रेडिशनल कपड़ों को नए लुक में पेश किया गया है। फ्लोरल प्रिंट्स, डॉट्स, चेक्स और ज्योमैट्रिकल प्रिंट्स पसंद किए जा रहे हैं। रग्गड़ जींस और स्मार्ट फिट ट्राउजर भी चलन में हैं। बंडी और लांग बंडी के भी नए कलेक्शन में हैं।
ज्वैलरी के साथ स्टाइलिंग
चेक्स साड़ी के साथ स्टाइलिंग के लिए कच्छ की भुजोड़ी ज्वेलरी यानी सिल्वर ऑक्सीडाइज, ट्राइबल ज्वेलरी को टीम-अप कर सकते हैं। इसके साथ शर्ट स्टाइल में ब्लाउज़ तैयार करवा सकते हैं। इसके अलावा मोजड़ी और एंब्रॉइडरी वाली जूतियां या जूते, सैंडल भी इसके साथ बहुत ही अच्छा लुक देती हैं।
खादी, लिनन, कॉटन का प्रयोग
फैशन एक्सपर्ट सपना सिंह परमार बताती हैं, जया जेटली ने वीवर्स की अामदनी बढ़ाने यह आइडिया विकसित किया। यह जीरो मेंटनेंस साड़ी है, जिसे वॉश एंड आयरन करना काफी है। यह स्टेटमेंट साड़ी एलीट क्लास का फैशन बन चुकी है जो कि खादी, लिनन, कॉटन में बन रही है। यह पाउडर, पेस्टल शेड्स में तैयार हो रही हैं। इसके एजेस में पोम-पोम, डेकोरेट एजिंग की जाती है। साड़ी लवर अपराजिता अग्रवाल कहती हैं, इसमें मिक्स ऑफ चेक्स, स्ट्राइप्स बहुत अच्छी लगती हैं।
मिसेज इंडिया फोटोजेनिक निधि जायसवाल बताती हैं कि युवा मोटिफ प्रिंट, गमछा प्रिंट, टसर सिल्क, बाटिक प्रिंट, अफगान ज्वेलरी, आर्टिफिशियल ज्वेलरी युवा को काफी भा रही है। मोटिफ का मतलब होता है छपाई की प्रक्रिया, जिसमें एक ही डिजाइन और पैटर्न को पूरे आउटफिट पर बनाया जाता है। मोटिफ प्रिंट को ब्लॉक प्रिंट भी कहा जाता है और इस बार दुर्गा पूजा के लिए मोटिफ प्रिंट के आउटफिट सबसे अधिक जंचने वाले हैं। कपड़ों के स्टोर्स में आपको मोटिफ प्रिंट के कई सारे आउटफिट मिल जाएंगे और आप चाहें तो ऑनलाइन भी इसे खरीद सकती हैं। इसमें आपको साड़ी से लेकर पैंट्स तक सब कुछ मिल जाएगा।
गमछा यह एक अनोखा हाथ से बना कपड़ा होता है, जिसे विशेष रूप से बंगाल के घरों में प्रयोग किया जाता है। यह काफी मुलायम और पहनने में आसान होता है। डिजाइनर्स अब गमछा से साड़ी से लेकर कई तरह की ड्रेस बनाने लगे हैं। इसमें स्टाइलिश गमछा कुर्ती, सूट-सलवार प्रमुख रूप से शामिल है।
: पारंपरिक सिल्क का कपड़ा होता है टसर और बंगाल और भारत के अन्य हिस्सों में व्यापक रूप से इसकी खेती की जाती है। कई सालों से लोग टसर का प्रयोग साड़ी बनाने में करते हैं। टसर सिल्क की साड़ी हर वर्ष की तरह वर्ष भी हिट है। इस साल भी आप टसर की सिल्क साड़ी में थोड़ा बदलाव कर पहन सकती हैं। टसर सिल्क पर एंब्राम्यडरी की हुई साड़ी इस दुर्गा पूजा में आपकी खूबसूरती के साथ-साथ स्टाइल में चार चांद लगा देगा।
अफगान व आर्टिफिशियल ज्वेलरी बनीं पसंद: कपड़ों के साथ-साथ फैशन और ट्रेंड में ज्वेलरी भी चल रही है। इस साल दुर्गा पूजा पर अफगान ज्वेलरी खूब जंचेगी। इसे आप साड़ी, कुर्ता या फिर किसी भी ड्रेस के साथ मैच कर सकती हैं। इतना ही नहीं युवाओं के बीच आर्टिफिशियल ज्वेलरी भी पसंद में शुमार है।
लड़कों में कुर्ता-पायजामा ऑन डिमांड: युवाओं को फेस्टिव लुक मिले, इसके लिए नए-नए रंगों के साथ उनके कलेक्शन पेश किए गए हैं। इस पूजा बाजार में प्रिंट्स का चलन है। इन शर्ट को फॉर्मल पैंट और कैजुअल जींस के साथ भी पहनने के लिए डिजाइन किया गया है। इस बार पूजा में यंगस्टर्स के लिए बैलून पैंट और कुर्ता-पायजामा, धोती स्टाइल जैसे ट्रेडिशनल कपड़ों को नए लुक में पेश किया गया है। फ्लोरल प्रिंट्स, डॉट्स, चेक्स और ज्योमैट्रिकल प्रिंट्स पसंद किए जा रहे हैं। रग्गड़ जींस और स्मार्ट फिट ट्राउजर भी चलन में हैं। बंडी और लांग बंडी के भी नए कलेक्शन में हैं।
गुरुवार, 11 अक्टूबर 2018
मेवे खाएं, भिगाेकर खाएं, सेहत बनाएं
ड्राईफ्रूट्स को सेहत के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। यह दिमाग के लिए टॉनिक का काम करते हैं। लेकिन इनकाे खाने से पहले हमें काफी एहतियात बरतनी चाहिए। दरअसल,सूखे मेवों की तासीर गर्म होती है इसलिए इन्हें भिगोकर खाया जाना चाहिए। मेवों में उच्च मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है इसलिए ऐसे लोग जिन्हें किडनी रोग, हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल या पाचन संबंधी रोग हो वे इन्हें डॉक्टरी सलाह के बाद ही खाएं।
सूखे मेवे या ड्राईफ्रूट्स को भले ही स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है, यह दिमाग के लिए टॉनिक का काम भी करता है, लेकिन क्या आपको पता है इसके नुकसान भी होते हैं।
सूखे मेवों की तासीर गर्म होती है इसलिए इन्हें भिगोकर खाया जाना चाहिए। किसी भी ड्राईफ्रूट को खाने से पहले इन्हें 6-8 घंटे पानी में भिगोकर रखना चाहिए। लेकिन ध्यान रहे कि जिस पानी में आपने इन्हें भिगोया है उस पानी का प्रयोग दोबारा न करें क्योंकि इसमें छिलके की ऊपरी परत पर मौजूद दूषित कण शेष रह जाते हैं। मेवों से बने उत्पाद खाने की बजाय इन्हें ऐेस ही खाना चाहिए।
बादाम
बादाम में कैल्शियम,विटामिन ई, विटामिन बी और फाइबर मौजूद होते है जिससे ये सेहत के लिए जितने अच्छे हैं ,वहीं इनका अधिक सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि अधिक बादाम खाने से आपको कब्ज़ हो सकती है, इसलिए दिन में 5 बादाम से ज्य़ादा न खाएं।
बादाम से मोटापा भी बढ़ाता है। इसलिए बादाम का सीमित मात्रा में सेवन करें। बादाम मौजूद 65 प्रतिशत मोनोसेचुरेटिड फैट शरीर के बैड कोलेस्ट्रॉल को कमऔर अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है। बादाम में विटामिन ई, विटामिन बी और फाइबर मौजूद होते हैं। कैल्शियम की अच्छी मात्रा होने की वजह से बादाम महिलाओं के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। बादाम को बिना छीले खाना चाहिए, क्योंकि इसके छिलकों में फ्लेवोनॉइड्स नाम का एंटीऑक्सीडेंट होता है, जो हृदय और रक्त धमनियों को सुरक्षित रखने में सहायक होता है।
. सूखी अंजीर
माेटापा कम करने में कारगर अंजीर चाहे भूख को नियंत्रित रखने में सहायक होती है लेकिन इसका अधिक सेवन जिगर के लिए हानिकारक हो सकता है। अंजीर बहुत गर्म होती है, इसलिए 5 दाने से ज्य़ादा न खाएं। इसमें फाइबर और पोटैशियम की मात्रा ज़्यादा होती है। मोटे लोगों को सूखी अंजीर का सेवन करना चाहिए।यह उनका वज़न कम करने में भी सहायक होती है।
सूखे मेवों की तासीर गर्म होती है इसलिए इन्हें भिगोकर खाया जाना चाहिए। किसी भी ड्राईफ्रूट को खाने से पहले इन्हें 6-8 घंटे पानी में भिगोकर रखना चाहिए। लेकिन ध्यान रहे कि जिस पानी में आपने इन्हें भिगोया है उस पानी का प्रयोग दोबारा न करें क्योंकि इसमें छिलके की ऊपरी परत पर मौजूद दूषित कण शेष रह जाते हैं। मेवों से बने उत्पाद खाने की बजाय इन्हें ऐेस ही खाना चाहिए।
बादाम
बादाम में कैल्शियम,विटामिन ई, विटामिन बी और फाइबर मौजूद होते है जिससे ये सेहत के लिए जितने अच्छे हैं ,वहीं इनका अधिक सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि अधिक बादाम खाने से आपको कब्ज़ हो सकती है, इसलिए दिन में 5 बादाम से ज्य़ादा न खाएं।
बादाम से मोटापा भी बढ़ाता है। इसलिए बादाम का सीमित मात्रा में सेवन करें। बादाम मौजूद 65 प्रतिशत मोनोसेचुरेटिड फैट शरीर के बैड कोलेस्ट्रॉल को कमऔर अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है। बादाम में विटामिन ई, विटामिन बी और फाइबर मौजूद होते हैं। कैल्शियम की अच्छी मात्रा होने की वजह से बादाम महिलाओं के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। बादाम को बिना छीले खाना चाहिए, क्योंकि इसके छिलकों में फ्लेवोनॉइड्स नाम का एंटीऑक्सीडेंट होता है, जो हृदय और रक्त धमनियों को सुरक्षित रखने में सहायक होता है।
. सूखी अंजीर
माेटापा कम करने में कारगर अंजीर चाहे भूख को नियंत्रित रखने में सहायक होती है लेकिन इसका अधिक सेवन जिगर के लिए हानिकारक हो सकता है। अंजीर बहुत गर्म होती है, इसलिए 5 दाने से ज्य़ादा न खाएं। इसमें फाइबर और पोटैशियम की मात्रा ज़्यादा होती है। मोटे लोगों को सूखी अंजीर का सेवन करना चाहिए।यह उनका वज़न कम करने में भी सहायक होती है।
.पिस्ता-पिस्ता हृदय रोगियों के लिए बेहद लाभकारी है,यह विटामिन बी-6 का प्रमुख स्रोत है। डाइटिंग कर रही महिलाओं के लिए पिस्ता फायदेमंद होता है, क्योंकि इससे पेट ज़्यादा देर तक भरा रहता है।लेकिन ज़्यादा पिस्ता खाने से आपको एसिडिटी की दिक्कत हो सकती है। पिस्ते में नमक होने की वजह से ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए ज्यादा नुकसानदायक होता है। इसमें विटामिन और खनिज भरपूर मात्रा में होते हैं। पिस्ते में नमक होने की वजह से हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों के नुकसानदायक हाे सकता है।
किशमिश
यदि आपकी याददाश्त कमज़ोर हो गई है और आप भूलने लगते हैं तो किशमिश का सेवन बहुत बढ़िया है। इसे एक बढ़िया एंटीऑक्सीडेंट माना जाता है, जो स्टैमिना बढ़ाता है। परंतु हमेशा इसका सेवन भिगोकर ही करना चाहिए। किशमिश के सेवन से पेट की कब्ज़ दूर होती है। इसे एक बढ़िया एंटीऑक्सीडेंट माना जाता है, जो स्टैमिना बढ़ाता है।
काजू
काजू को ड्राय फ्रूट्स का राजा भी कहा जाता है। काजू को प्रोटीन,आयरन, फाइबर और मैगनीशियम का अच्छा स्रोत माना जाता है। काजू का सेवन शरीर को ऊर्जा देने के साथ कई बीमारियों से हमारी रक्षा करता है। काजू ज्यादा न खाएं क्योंकि इससे आपके गले में खुश्की और खांसी हो सकती है और एसिडिटी की दिक्कत भी हो सकती है।
पीनट्स
पीनट्स में प्रोटीन की भरपूर मात्रा होती है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स भी होते हैं। अगर पीनट्स को डिब्बे में बंद करके फ्रिज में रखा जाए, तो ये छह महीने तक खराब नहीं होते। जिनको अस्थमा की दिक्कत है, वो प्रेग्नेंसी के समय पीनट्स न खाएं। पीनट्स भी गर्म होते हैं। ज्यादा खाने से आपको गर्मी की शिकायत हो सकती है।
अखराेट
किशमिश
यदि आपकी याददाश्त कमज़ोर हो गई है और आप भूलने लगते हैं तो किशमिश का सेवन बहुत बढ़िया है। इसे एक बढ़िया एंटीऑक्सीडेंट माना जाता है, जो स्टैमिना बढ़ाता है। परंतु हमेशा इसका सेवन भिगोकर ही करना चाहिए। किशमिश के सेवन से पेट की कब्ज़ दूर होती है। इसे एक बढ़िया एंटीऑक्सीडेंट माना जाता है, जो स्टैमिना बढ़ाता है।
काजू
काजू को ड्राय फ्रूट्स का राजा भी कहा जाता है। काजू को प्रोटीन,आयरन, फाइबर और मैगनीशियम का अच्छा स्रोत माना जाता है। काजू का सेवन शरीर को ऊर्जा देने के साथ कई बीमारियों से हमारी रक्षा करता है। काजू ज्यादा न खाएं क्योंकि इससे आपके गले में खुश्की और खांसी हो सकती है और एसिडिटी की दिक्कत भी हो सकती है।
पीनट्स
पीनट्स में प्रोटीन की भरपूर मात्रा होती है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स भी होते हैं। अगर पीनट्स को डिब्बे में बंद करके फ्रिज में रखा जाए, तो ये छह महीने तक खराब नहीं होते। जिनको अस्थमा की दिक्कत है, वो प्रेग्नेंसी के समय पीनट्स न खाएं। पीनट्स भी गर्म होते हैं। ज्यादा खाने से आपको गर्मी की शिकायत हो सकती है।
अखराेट
अखरोट में मौजूद फैट और पौष्टिक तत्व शरीर में इंसुलिन की मात्रा को संतुलित रखने में सहायक होते हैं। एग्ज़ीमा और अस्थमा के रोगियों के लिए अखरोट फायदेमंद होता है। अखरोट से टाइप टू डाइबिटीज़ के रोगियों में हृदय रोग की आशंका कम हो जाती है। अखरोट को 10 ग्राम से 20 ग्राम मात्रा में ही खाएं। अखरोट गरम व खुश्क प्रकृति का होता है।अखरोट पित्त प्रकृति वालों के लिए हानिकारक होता है।
साभार ओनली माई हेल्थ
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