गुरुवार, 11 अक्तूबर 2018

मेवे खाएं, भिगाेकर खाएं, सेहत बनाएं

ड्राईफ्रूट्स को सेहत के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। यह दिमाग के लिए टॉनिक का काम करते हैं। लेकिन इनकाे खाने से पहले हमें काफी एहतियात बरतनी चाहिए। दरअसल,सूखे मेवों की तासीर गर्म होती है इसलिए इन्हें भिगोकर खाया जाना चाहिए। मेवों में उच्च मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है इसलिए ऐसे लोग जिन्हें किडनी रोग, हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल या पाचन संबंधी रोग हो वे इन्हें डॉक्टरी सलाह के बाद ही खाएं।
सूखे मेवे या ड्राईफ्रूट्स को भले ही स्‍वास्‍थ्‍य के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है, यह दिमाग के लिए टॉनिक का काम भी करता है, लेकिन क्‍या आपको पता है इसके नुकसान भी होते हैं।
सूखे मेवों की तासीर गर्म होती है इसलिए इन्हें भिगोकर खाया जाना चाहिए। किसी भी ड्राईफ्रूट को खाने से पहले इन्हें 6-8 घंटे पानी में भिगोकर रखना चाहिए। लेकिन ध्यान रहे कि जिस पानी में आपने इन्हें भिगोया है उस पानी का प्रयोग दोबारा न करें क्योंकि इसमें छिलके की ऊपरी परत पर मौजूद दूषित कण शेष रह जाते हैं। मेवों से बने उत्पाद खाने की बजाय इन्हें ऐेस ही खाना चाहिए।
 बादाम
बादाम में कैल्शियम,विटामिन ई, विटामिन बी और फाइबर मौजूद होते है जिससे ये सेहत के लिए जितने अच्छे हैं ,वहीं इनका अधिक सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि अधिक बादाम खाने से आपको कब्ज़ हो सकती है, इसलिए दिन में 5 बादाम से ज्य़ादा न खाएं।
बादाम से मोटापा भी बढ़ाता है। इसलिए बादाम का सीमित मात्रा में सेवन करें। बादाम मौजूद 65 प्रतिशत मोनोसेचुरेटिड फैट शरीर के बैड कोलेस्ट्रॉल को कमऔर अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है। बादाम में विटामिन ई, विटामिन बी और फाइबर मौजूद होते हैं। कैल्शियम की अच्छी मात्रा होने की वजह से बादाम महिलाओं के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। बादाम को बिना छीले खाना चाहिए, क्योंकि इसके छिलकों में फ्लेवोनॉइड्स नाम का एंटीऑक्सीडेंट होता है, जो हृदय और रक्त धमनियों को सुरक्षित रखने में सहायक होता है।
. सूखी अंजीर
माेटापा कम करने में कारगर अंजीर चाहे भूख को नियंत्रित रखने में सहायक होती है लेकिन इसका अधिक सेवन जिगर के लिए हानिकारक हो सकता है। अंजीर बहुत गर्म होती है, इसलिए 5 दाने से ज्य़ादा न खाएं।  इसमें फाइबर और पोटैशियम की मात्रा ज़्यादा होती है। मोटे लोगों को सूखी अंजीर का सेवन करना चाहिए।यह उनका वज़न कम करने में भी सहायक होती है।
.पिस्ता-पिस्ता हृदय रोगियों के लिए बेहद लाभकारी है,यह विटामिन बी-6 का प्रमुख स्रोत है। डाइटिंग कर रही महिलाओं के लिए पिस्ता फायदेमंद होता है, क्योंकि इससे पेट ज़्यादा देर तक भरा रहता है।लेकिन ज़्यादा पिस्ता खाने से आपको एसिडिटी की दिक्कत हो सकती है। पिस्ते में नमक होने की वजह से ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए ज्यादा नुकसानदायक होता है।   इसमें विटामिन और खनिज भरपूर मात्रा में होते हैं।  पिस्ते में नमक होने की वजह से हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों के नुकसानदायक हाे सकता है।
किशमिश
यदि आपकी याददाश्त कमज़ोर हो गई है और आप भूलने लगते हैं तो किशमिश का सेवन बहुत बढ़िया है। इसे एक बढ़िया एंटीऑक्सीडेंट माना जाता है, जो स्टैमिना बढ़ाता है। परंतु हमेशा इसका सेवन भिगोकर ही करना चाहिए। किशमिश के सेवन से पेट की कब्ज़ दूर होती है। इसे एक बढ़िया एंटीऑक्सीडेंट माना जाता है, जो स्टैमिना बढ़ाता है।
काजू
काजू को ड्राय फ्रूट्स का राजा भी कहा जाता है। काजू को प्रोटीन,आयरन, फाइबर और मैगनीशियम का अच्छा स्रोत माना जाता है। काजू का सेवन शरीर को ऊर्जा देने के साथ कई बीमारियों से हमारी रक्षा करता है। काजू ज्यादा न खाएं क्योंकि इससे आपके गले में खुश्की और खांसी हो सकती है और एसिडिटी की दिक्कत भी हो सकती है।
पीनट्स
पीनट्स में प्रोटीन की भरपूर मात्रा होती है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स भी होते हैं। अगर पीनट्स को डिब्बे में बंद करके फ्रिज में रखा जाए, तो ये छह महीने तक खराब नहीं होते। जिनको अस्थमा की दिक्कत है, वो प्रेग्नेंसी के समय पीनट्स न खाएं। पीनट्स भी गर्म होते हैं। ज्यादा खाने से आपको गर्मी की शिकायत हो सकती है।
अखराेट
अखरोट  में मौजूद फैट और पौष्टिक तत्व शरीर में इंसुलिन की मात्रा को संतुलित रखने में सहायक होते हैं। एग्ज़ीमा और अस्थमा के रोगियों के लिए अखरोट फायदेमंद होता है। अखरोट से टाइप टू डाइबिटीज़ के रोगियों में हृदय रोग की आशंका कम हो जाती है। अखरोट को 10 ग्राम से 20 ग्राम मात्रा में ही खाएं। अखरोट गरम व खुश्क प्रकृति का होता है।अखरोट पित्त प्रकृति वालों के लिए हानिकारक होता है।
साभार ओनली माई हेल्थ

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