बुधवार, 2 जनवरी 2019

देह विदेह और माेह विमाेह का खूबसूरत संग्रह है मन के मंजीरे- डा. अनुजा भट्ट

मेरी मित्र रचना ने यूं ताे यह किताब मुझे बहुत पहले ही भेंट कर दी थी पर मैं जब भी इसे पढ़ती ताे हर बार लगता कि इसे बार बार पढ़ना चाहिए. यह कविता प्रेम के लाैकिक और पारलाैकिक दाेनाें पलड़ाें पर बराबर भारी है। कविता के साथ कभी जायसी ताे कभी कबीर की भूमि के रंगाें का असर भी दिखा ताे दूसरी आेर उर्दू और पंजाबी रंग भी नजर आए.. यह हाेना ही था. कविता अपनी भावभूमि काे कैसे नजर अंदाज कर सकती है। राजपालएंड संस से प्रकाशित इस संग्रह में कुल 141कविताएं हैं।
 सचमुच यह  प्रेम कविताएं मन काे सुकून देने वाली है दरअसल यहां बस आटाे या टेम्पाें पर लिखी गई महाेब्बत भरी शायरी नहीं जाे वैसे ही लिजलिजी से पाेस्टर का आभास दे. बल्कि यहां देह से हाेते हुए प्रेम के अमरत्व के रस की कुछ बूंदे हैं, जाे तृप्त करती हैं. प्रेम के माध्यम से यहां लाेक मानस की झलक भी बार बार मिलती है। भारतीय मिथकाें, प्रेम के दृश्य- अदृश्य रुपाकाराें काे रचनाकार ने बड़े जतन से सहेजा और संवारा है।
 प्रेम की सभी अभिव्यक्तियाें काे समेटने में वह कामयाब हुई हैं। उनकी कविताआें में उर्दू और पंजाबी शब्दाें का प्रयाेग भी हुआ है। एेसा जान पड़ता है यह शब्द कविता में ध्वनि और चमत्कार पैदा करने के लिए प्रयुक्त किए गए हैं, परन्तु यह प्रयाेग भावानुभूति के सतत प्रवाह में अवराेध पैदा करता है।  लेकिन हां पंजाबी शब्द  कविता की खूबसूरती काे चार चांद लगा देते हैं।
 इस संग्रह में देह का उत्सव एक अनाैखी कविता है। इसमें याेग ध्यान कुंडलनी और  चक्र का रूपक मन काे सुकून देता है। वह अपनी कविता में देह विदेह, आसक्ति अनासक्ति, स्वाद तृप्ति  का सुंदर विपरीत पर्याय बुनती हैं।
उसके अधराें के स्पर्श से
 बज उठी मैं कान्हा की बाँसुरी सी...
 हाैले हाैले कविता की बिम्ब याेजना अनूठी है।यहां लाेरियां प्रेम के वात्सल्य रूप काे प्रकट करती हैं। मुझे हाैले से उठाकर परियाें के देस ले जाता
 बिठाकर अरमानाें के उड़न खटाैेलेपर
 अपनी शहजादी काे आसमान की सैर करवाता..
कलंदर का लिबास, बरकत और बसावट भी मन काे छूती हैं। कुल मिलाकर संग्रह की सभी कविताएं अलग अलग समय शिल्प और अनुभूति काे पारंपरिक, दार्शनिक और आज के समय के साथ रचती है।आसमान में उड़ती ताे कभी स्कूटर में अपनी चुन्नी काे संभालती,कभी तारे देखती ताे कभी पीठ पर निकल आए तिल के साथ अपने मन की बात साझा करती कविताएं सचमुच बहुत प्यारी हैं।

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