1. निरंतर फास्ट फूड के सेवन से आप शिथिल होते जाओगे। आप खुद को थका हुआ महसूस करोगे। आवश्यक पोषक तत्व जैसे प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट की कमी की वजह से फास्ट फूड आपकी उर्जा के स्तर को कम कर देता है।
2. जंक फूड का लगातार सेवन टीनेजर्स में डिप्रेशन का कारण बन सकता है। बढती उम्र में बच्चों कई तरह के बायोलॉजिकल बदलाव आने लगते हैं। जंक फूड जैसे चौमिन, पिज्जां,बर्गर, रोल खाना बढते बच्चों के लिए एक समस्या बन सकता है और वह डिप्रेशन में भी जा सकता है।
3.मैदे और तेल से बने ये जंक फूड आपकी पाचन क्रिया को भी प्रभावित करता है। इससे कब्ज की समस्या उत्पन्न हो सकती है। इन खानों में फाइबर्स की कमी होने की वजह से भी ये खाद्य पदार्थ पचने में दिक्कत करते हैं।
4. ज्यादा से ज्यादा फास्ट फूड का सेवन करने वाले लोगों में 80 फीसदी दिल की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। इस तरह के आहार में ज्यादा फैट होता है जो कोलेस्ट्रॉल के उच्च स्तर में भी योगदान देता है।
5. वसा से भरपूर खाद्य पदार्थ हृदय, रक्त वाहिकाओं, जिगर जैसे कई बीमारियों का कारण हैं। इससे तनाव भी बढ़ता है। कैफीन युक्त खाद्य पदार्थ (कॉफी, चाय, कोला और चॉकलेट), सफेद आटा, नमक, संतृप्त वसा, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ ये कुछ ऐसी चीजें है जो तनाव को बढ़ाने में मदद करती है।
6. फास्ट फूड या जंक फूड के नुकसान के नुकसान में एक नुकसान यह है कि फास्ट फूड से मिलने वाली अतिरिक्त कैलोरी वजन बढ़ाने का कारण बन सकती है। यह आपको मोटापे की ओर ले जा सकती है।
7. जंक फूड और फास्ट फूड के अवयव आपके प्रजनन क्षमता पर असर डाल सकता है। एक अध्ययन में पाया गया कि प्रोसेस्ड फूड में फथालेट्स शामिल हैं। फथालेट्स रसायन हैं जो आपके शरीर में हार्मोन कैसे कार्य करता है बाधित कर सकता है। इन रसायनों के उच्च स्तर के एक्सपोजर से जन्म दोष सहित प्रजनन संबंधी मुद्दों का कारण बन सकता है।
8. फास्ट फूड या जंक फूड के नुकसान में एक हानि यह है कि फास्ट फूड अल्पावधि में भूख को संतुष्ट कर सकता है, लेकिन दीर्घकालिक परिणाम कम सकारात्मक हैं। जो लोग फास्ट फूड और प्रोसेस्ड फूड खाते हैं, वे उन लोगों की तुलना में अवसाद विकसित करने की 51 प्रतिशत अधिक संभावना रखते हैं जो उन खाद्य पदार्थों को नहीं खाते हैं या बहुत कम खाते हैं।
9. फास्ट फूड और प्रोसेस्ड फूड में कार्ब और शुगर आपके मुंह में एसिड बढ़ा सकती है। ये एसिड टूथ एनामेल नष्ट कर सकती है। चूंकि टूथ एनामेल न होने की वजह से बैक्टीरिया दांतों पर अटैक करी और कैविटी का निर्माण करती है।
- सेहत ज्ञान डाटकाम
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