रजोनिवृति के बाद महिलाओं को हृदय रोग का खतरा अधिक होता है। |
पुरुषों की तुलना में महिलाओं को एकमात्र लाभ एस्ट्रोजेन हार्मोन के रूप में मिलता है। जो महिलाओं के शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को ऊपर उठाता है तथा खराब कोलेस्ट्राल के स्तर को कम करता है। लेकिन रजोनिवृति के बाद एस्ट्रोजन का स्तर घट जाता है और इसलिए इससे मिलने वाली सुरक्षा भी कम हो जाती है और रजोनिवृति के दस साल बाद महिलाओं को हृदय रोग का खतरा पुरुषों के बराबर और कई मामलों में अधिक होता है।
सामान्य जोखिम कारकों के अलावा, आज महिलाएं जीवनशैली से जुड़े अनेक अन्य कारकों के कारण भी हृदय रोगों की चपेट में आ रही हैं. इन में से कुछ में डब्बाबंद भोजन यानी प्रोसैस्ड फूड का अधिक उपभोग शामिल है जो कि संतृप्त वसा, चीनी और नमक में समृद्ध होता है. साथ ही, साबुत अनाज की कमी, उदासीन जीवनशैली और तनाव के स्तर में वृद्धि जब अन्य कौमोरबिड स्थितियों के साथ मिल जाते हैं तो महिलाओं में एस्ट्रोजेन स्तर कम होने लगता है. इसे महिलाओं के बीच हृदय रोगों में वृद्धि के लिए शीर्ष कारणों में से एक माना गया है.
जीवनशैली में बदलाव
रक्तचाप और मधुमेह पर काबू रखें : समय पर अपने रक्तचाप और शर्करा के स्तर को जांचना महत्त्वपूर्ण है. किन्हीं भी तरह की जटिलताओं से बचने के लिए इन पर नियंत्रण रखें.
व्यायाम करें- दिल को स्वस्थ रखने के लिए नियमित व्यायाम की जरूरत है। इसके लिए एरोबिक गतिविधियां, जैसे टहलना , जॉगिंग,तैराकी, साइक्लिंग आपके हृदय के लिए फायदेमंद हो सकता है। एक हफ्ते में 4 से 6 बार कार्डियो कसरत करना भी अच्छा रहता है।
मोटापा कम करें - मोटापा कई बीमारियों का कारण हो सकता है। वजन बढ़ने से रक्तचाप व कोलेस्ट्रोल की समस्या हो सकती है। इसके अलावा डायबिटीज भी हो सकता है जिससे शरीर में इंसुलिन भोजन को ऊर्जा में बदलने में मदद नहीं करता है। टाइप-2 डायबिटीज से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
धूम्रपान ना करें -धूम्रपान करने वाली महिला में हार्ट अटैक की संभावना धूम्रपान न करने वाली महिला से दोगुना अधिक होती है क्योंकि सिगरेट में मौजूद टौक्सीन धमनियों को सीधा प्रभावित करते हैं। जिससे धमनियों में रक्त संचार के लिए बाधाएं पैदा हो जाती हैं। धूम्रपान से खून की नलियां चिपचिपी हो जाती हैं, जिससे रक्त संचार में अधिक कठिनाई के कारण स्ट्रोक की संभावना बनी रहती है।
स्वस्थ भोजन खाएं : मोटापा दिल की बीमारी के लिए जोखिम वाले कारकों में से एक है, इसलिए स्वस्थ भोजन अपना कर वजन को काबू में रखना बेहतर है. अपने आहार में बहुत सारे ताजे फल, सब्जियां और साबुत अनाज शामिल करें.
तनाव प्रबंधन : तनाव हृदय की सेहत पर बुरा असर डालता है, इसलिए तनावमुक्त रहें.
हृदय रोग से बचाव के लिए महिलाओं को अपना खास खयाल रखना चाहिए साथ ही रजोनिवृत्ति के बाद कुछ जरूरी जांच अवश्य कराएं जिससे आप हृदय रोग के खतरों से बच सकती हैं।
डा. दीपिका शर्मा अपाेलाे फेमिली क्लीनिक नौएडा, उत्तरप्रदेश, सेक्टर 110 में फेमिली फिजिशियन हैं।
सेहत से जुड़े सवाल आप हमारे मैं अपराजिता के फेसबुक पेज में कर सकते हैं। अपनी सेहत संबंधी समस्या के लिए आप हमें मेल भी कर सकते हैं-
mainaparajita@gmail.com
तनाव प्रबंधन : तनाव हृदय की सेहत पर बुरा असर डालता है, इसलिए तनावमुक्त रहें.
हृदय रोग से बचाव के लिए महिलाओं को अपना खास खयाल रखना चाहिए साथ ही रजोनिवृत्ति के बाद कुछ जरूरी जांच अवश्य कराएं जिससे आप हृदय रोग के खतरों से बच सकती हैं।
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