बुधवार, 2 मई 2018

WEDNESDAY RELATIONSHIP-रिश्ता मां बेटी का पार्ट 2 अनुजा भट्ट

  बेटी ने मां काे टेक्नाेसेवी बना दिया है। अब लाइन पर नहीं खड़ी रहती मां। मोबाइल के जरिए या फिर इंटरनेट से घर से ही बिल जमा करती है, गैस बुक करती है, ट्रेन और एयरलाइंस का टिकट बुक करती है। बैंक का सारा कामकाज घर से ही करती है। पहले उनको यह असुविधाजनक लगता था पर धीरे धीरे अब उनको मजा आने लगा है वह नए से नए गैजट्स के बारे में जानना चाहती हैं। शापिंग माल में घूमने से पहले वह वेबसाइट्स में जाकर नए प्रोडक्ट के बारे में जानकारी ले रही हैं। ताकि खरीददारी करने में समय की बचत हो। इधर उधर न भटकना पड़े। फ्री होम डिलीवरी पर भी वह यकीन करने लगी है। हर जानकारी के लिए मां बेटी को फोन करती है। फिर चाहे वह गाड़ी चलाना हो या फिर कंप्यूटर।
मां के लिए एस एम एस एक रिश्ते का नाम है
आज के दौर में रिश्ते की परिभाषा को कहने के लिए एक नया शब्द आ गया है जिससे हम सभी परिचित है और वह है एस एम एस। एस एम एस का फुल फार्म है शार्ट मैसेज सर्विस। आप अपना संदेष इसके जरिए पूरी दुनिया में कही भी भेज सकते हैं। औरमां को तो मिनट मिनट में मैसेज भेजना है, नहीं तो वह चिंता करती रहेगी। पर जब मां घर से बाहर होती है तो वह भी हमें मैसेज करती रहती है। इसलिए रिश्ते का नाम है एसएमएस।बेटियां जब एसएमएस कहती हैं तो उसका अर्थ होता है श्योर मां श्योर।

कोई टिप्पणी नहीं:

Special Post

विदा - कविता- डा. अनुजा भट्ट

विदा मैं , मैं नहीं एक शब्द है हुंकार है प्रतिकार है मैं का मैं में विलय है इस समय खेल पर कोई बात नहीं फिर भी... सच में मुझे क्रि...