रविवार, 12 नवंबर 2017

कैसी हो,आपकी बहू। कैसा हो,आपका दामाद।--कविता नागर




जीवन पथ अनवरत है।हम जीवनयात्री नये पढ़ावों से गुजरते है।फिर हमारे बच्चों की बारी आती है।हम चाहते है,कभी कभी कुछ पीड़ाएँ अगर हमने झेली हो..तो वे हमारे बच्चें न झेलें।ये हमारे जीवन के हर पड़ाव अलग अलग मौसम की तरह ही होते है।
: शीत,बसंत, पतझड़, गर्मी सब तरह के मौसम देखते है..हमारे जीवन में भी।

शैशवावस्था से लेकर वयोवृद्ध अवस्था तक हम अलग अलग अनुभव प्राप्त करते है।अपने बच्चों को लेकर भी काफी सपने संजोए जाते है,उन्हें क्या पढ़ना है, क्या बनना है,किससे शादी करनी है,कब उनके बच्चों को गोद में खिलाना है।कितने ही सपने संजोए जाते है,भावी बहू या दामाद को लेकर।जैसे शैशवावस्था में हम अपने शिशु को फूंक फूंक कर खाना खिलाते है,कि उनका मुंह ना जल जाए।वैसे ही चाहते है,कि जिंदगी के फैसले भी फूंक फूंक कर लिए जाए।अतिरिक्त सतर्कता बरती जाती है,कि कहीं किसी फैसले पर पछताना ना पड़े।

अगर हमारी बेटी है,तो हम चाहेंगे कि दामाद सुशील, मिलनसार, सुस्थापित व्यवसाय या एक सुनिश्चित आय वाला हो।पारिवारिक पृष्ठभूमि अच्छी रही हो।वर्तमान परिप्रेक्ष्य में जहाँ कहीं कही परिवारों मे एकलौती संतान पुत्री होती है,वे चाहते है कि दामाद बेटे की तरह उनका साथ निभाएं।बेटी को कामकाजी होने से ना रोके।

अगर बहू की तलाश कर रहे है,तो अपेक्षाएं सामान्यतः और ज्यादा रहती है,क्योंकि अधिकांश परिवार बहू को अपने परिवेश के अनुसार ढालना चाहते है।कार्यकुशलता आज भी क ई घरों की प्राथमिक आवश्यकता है। फिर भी वक्त के साथ साथ मानसिकता में बदलाव भी आया है,संस्कारी ,सुशिक्षित, कामकाजी बहू अधिकांशतः हर घर की प्राथमिकता बन गई है,पहले के मापदंड कुछ बदल गए है।

पहले के समय में लोग अधिक मर्यादा में रह लेते थे,जो कि आजकल असंभव है,आजकल बच्चे थोड़ी स्वच्छंदता चाहते है।कभी कभी मां बाप को बच्चों की पसंद को स्वीकारना पड़ता है,तब उनके मापदंड भी अमान्य हो जाते है।ऐसे में परिस्थिति के अनुसार खुद को ढालने के लिए भी तैयार रहना पड़ता है।

देखा जाए तो वर्तमान समय में ज्यादा अपेक्षाएं रखना सही नहीं है,उपेक्षित होने पर आप निराश हो जाते है।
माता पिता को अपने कर्तव्य का निर्वहन उचित तरीके से करना चाहिए, बच्चों को उचित संस्कार दे,ताकि वे जीवनमूल्यों की महत्ता समझे,व अपने जीवनसाथी में भी वही योग्यता खोजें।संवेदनशीलता का पाठ जरूर पढ़ाए,ये बहुत आवश्यक है।ऐसा होगा तो आने वाली बहू या दामाद भी आपकी अपेक्षाओं के अनुरूप ही होगा।
   .         धन्यवाद।https://www.facebook.com/anujabhat/videos/10203837925305512/

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