रविवार, 21 मई 2017

डरे नहीं, जब मां बनें


 सोसाईटी का एक बड़ा हिस्सा नैचुरल बर्थ के लिए जोर देता है लेकिन बहुत कम महिलाएं ही होती है  जोकि इसके लिए मानसिक और षारीरिक रूप से तैयार होती हैं।  बच्चे के जन्म के बारे में जानकारी की कमी होने के कारण भी महिलाएं नैचुरल बर्थ प्रक्रिया से डर जाती हैं।
गर्भवती महिलाएं अधिकतर बीमार महिला की तरह प्रतिक्रिया देती हैं जबकि गर्भवती होने का मतलब बीमार हो जाना नहीं हैं।  कभी कभी कुछ ऐसी घटनाएं होती हैं जिसमें प्रसवपीडा के दौरान गर्भवती महिला की मौत हो जाती है। इस तरह की घटनाओं का असर गर्भवती महिला पर होता है और वह डर जाती हैं। इसलिए वह नैचुरल बर्थ प्रकिया के बजाय सी सेक्शन की ओर चली जाती हैं।  सी सेक्शन प्रक्रिया में बच्चे को जन्म के समय कष्ट होता है और महिलाएं भी पूरी जिंदगी इसके होने साईड इफेक्ट्स को झेलती रहती हैं।
चाईल्डबर्थ अवेयरनेस क्लासिस अटेंड करना आज की सबसे बड़ी जरूरत है।  ऐसी अवेयरनेस क्लासिस होने वाली मां के लिए जितनी जरूरी हैं उतनी ही होने वाले पिता के लिए भी जरूरी हैं।  आज के पुरूष भी इस प्रक्रिया में योगदान देना चाहते हैं।  वह अपनी पत्नी के  सपोर्ट सिस्टम बनने की पूरी कोशिश करते हैं।  उसको समय-समय पर डाक्टर के पास ले जाते हैं।  उनके दिमाग में भी ढेरों  सवाल हैंे और इनके जवाब आॅनलाईन ढ़ूंढ़ने की कोशिश भी करते हैंें। प्रीनेटल क्लासिस अटंेड करने के बाद आप अपनी पत्नी की जरूरतों को अच्छे से समझ पाएंगें और यह भी जान पाएंगें कि एक पिता होने पर आपको क्या जिम्मेदारी निभानी है।
यदि आप प्रीनेटेल क्लासिस लेने की सोच रहे हैं तो अंत समय का इंतजार मत कीजिए।  इसके लिए सही समय पांचवें महीने से ही शुरू हो जाता है।
इन क्लासिस में आपको चाइल्ड बर्थ के बारे में ए टू जेड जानकारी दी जाती है। मसलन बेसिक व्यायाम, पेन रीलिफ थैरिपी, ब्रेस्ट फीडिंग जैसी जानकारियां।
इससे आप जानंेगें कि आपकी पत्नी की शारीरिक और मानसिक स्थिति क्या है।
सही खानपान, व्यायाम और स्ट्रेचिंग उसकी दिनचर्या का हिस्सा होना चाहिए।
आप उसकी व्यायाम में और रिलेक्स करने में भी मदद कर पाएंगें।
इन क्लासिस को अटेंड करने से आप ज्यादा वक्त अपनी पत्नी के साथ गुजार पाऐंगें।
इससे आप दोनों की बांडिंग और गहरी होगी और वह अपने डर भी आपके साथ शेयर कर पाएगी।
आपको यह कैसे पता लगेगा कि आपकी पत्नी लेबर पेन में है। उसके दर्द को कम करने में कैसे मदद कर सकतेेेे हैं।  यहां आपको यह भी बताया जाएगा कि आप क्या न करें और न कहें जबकि आपकी पत्नी दर्द में हो।
जो स्त्री पहली बार मां बन रही होती है वह बहुत डरी हुई भी होती है कि वह दर्द को कैसे सह पाएगी।  उनके लिए यह सब बहुत डरावना अनुभव होता है। इस समय उसे अपने साथी की साथ की उसके हौंसले की बहुत जरूरत होती है।  लेबर पेन का समय लंबा और इंतजार कराने वाला होता है। ऐसे में अपनी पत्नी का दर्द से ध्यान हटाने के लिए उसको बिजी रखने की कोशिश करें।  उसे म्यूजिक और बातों में उसका ध्यान बटाएं।
यदि बच्चे के दूध फंस जाए तो क्या करना चाहिए। नैपी बदलने का सही तरीका, बच्चे को कैसे उठाना है,  बच्चों के बिहेवियर और उनसे जुड़ी बातों की जानकारी दी जाती है।
यह क्लासिस अटेंड करने से आपको यह भी फायदा होगा कि आप अपने जैसे अन्य होने वाले पिताओं से भी मिलेंगें।
सवाल पूछने से शरमाएं नहीं बल्कि इस बात पर गर्व महसूस करें कि आप अपनी पत्नी के सपोर्ट सिस्टम बन रहे हैं।
आप इसलिए भी इन क्लासिस को ज्वाॅइन कीजिए क्योंकि आपकी पत्नी यह चाहती हैं कि आप उसके साथ हर कदम पर रहें।





























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कुमाऊंनी भाषा के कबीर रहीम की जोड़ी डा. अनुजा भट्ट

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