शुक्रवार, 28 अप्रैल 2017

पेंटिंग के नए अंदाज



 प्रकृति की खूबसूरती को दिखाने के लिए रंग और ब्रष के साथ-साथ अब जूट, मनके, पत्थर, सीपी, सूखे पत्तों का इस्तेमाल किया जा रहा है।

कला अपने एक रंग और ढंग मंे नहीं रहती। हर बार उसे व्यक्त करने का अंदाज एकदम अलग होता है। कभी लैंडस्केप बनाने के लिए कलाकार प्रकृति के बीच में जाकर प्रकृति के रंग चुनता था।  अब रंगों के साथ-साथ वह जूट, फाइबर, खुशबू, पत्ती और पत्थर भी चुनता है।
मूलतः न्यूयार्क में रहने वाली आर्टिस्ट उरसूला क्लार्क अपने स्पेशल आर्टवर्क की प्रर्दशनी के लिए भारत आई हुई थीं।  उरसुला का काम लोगों को प्रकृति की खूबसूरती से रूबरू कराता है और साथ ही आश्चर्यचकित भी करता है।
उरसुला क्लार्क ने ‘दी पार्क नेचर इन बैलेंस‘ में प्रकृति की खूबसूरती का चित्रण अपने आसपास की चीजों और दृश्यों को इक्ट्ठा करके किया है।  साईट वर्क एक नवीन आर्टिस्टिक व्यू को दर्शाता है जिसमें किसी तरह का संकोच या दिखावा नहीं है।  यह कहना गलत होगा कि आर्ट सिर्फ म्यूजियम और गैलरी में ही प्रदर्शित किया सकता है। आज हम कला को म्यूजियम और गैलरी से बाहर निकालकर ओपन एरिया में ले आए हैं। इसे साईट आर्ट के नाम से जाना जाता है। साईट आर्ट  में  जिस जगह पर आर्ट को लगाना होता है उसको ध्यान में रखते हुए  आर्टिस्ट आर्टवर्क बनाता है।  इस आर्ट को बनाने में साधारण सी चीजों का जैसे कि जूट, नैचुरल फाइबर, ड्राईड मौसिस  और पत्थर का इस्तेमाल होता है।  यह सभी चीजें आॅरगेनिक भी होती हैं।  इसमें टेक्सचर, रंग और खुशबू का खास ख्याल रखा जाता हैं।  इस आर्ट में इसी बात का ध्यान रखा जाता है कि इसकी प्राकृतिक सुंदरता  बरकरार रहे।
पहली साईट स्पेसिफिक आर्ट एक्अीविटी कैंप में आंध्र यूनिवर्सिटी और विश्वभारती यूनिवर्सिटी के फाईन आर्ट्स के छात्रों ने हिस्सा लिया।
उरसुला क्लार्क का काम न्यूयार्क की कई गैलरीज में प्रदर्शित किया जा चुका है।   इसके अलावा उरसूला का आर्टवर्क ‘दी पार्क होटल‘ के चेसबोर्ड लाॅन एरिया में रखा गया है।  इसके अलावा आर्टिस्टिक डिस्प्ले के लिए होटल में ‘हस्ताकार‘ नाम से एक विशेष जगह बनाई गई है जहां पर कि नए आर्ट वर्क प्रदर्शित किए जाएंगंे।  सौम्या बेलुबी के अनुसार यहां पर कई  आर्टिस्ट का काम देखा जा सकता है जैसे कि रवि कट्टूकूरी, सिहांचलम डौलू, संध्या चैधरी, श्रीनिवास पदाकंदला, शर्माला कारी, तिरूपति राव, मोका सतीशकुमार, नरेश मोहंत।  हाल ही में सईदा अली का काम भी शामिल किया है जोकि रिवर्स पेंटिग करने में माहिर है।  इसके अलावा रश्मि दिवेदी के दो आर्ट वर्क, डी शंकर का ऐग शेल आर्टवर्क, रवि कट्टाकुरी के 10 वर्क लगाए गए हैं।

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कुमाऊंनी भाषा के कबीर रहीम की जोड़ी डा. अनुजा भट्ट

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