जब कभी दर्द होता है या चोट लगती है तो सबसे पहले दिमाग में यह बात आती है कि इस दर्द को दूर करने के लिए गर्म पैक लगाएं या ठंडा पैक। आइस पैक और हीटींग पैड पाॅवरफुल दवा नहीं है लेकिन फिर भी यह सबसे सस्ता और आसानी से उपलब्ध उपाय है। यह एक नैचुरल तरीका है।
यदि आम भाषा में बात की जाए तो आइस पैक चोट के लिए होता है और हीट पैक मसल्स के लिए होता है। जब किसी चोट के कारण हमारे टिशू में जलन, रेडनेस, सूजन हो जाती हैं तो उस समय आइस पैक लगाया जाता है। गर्म पैक मसल्स, तनाव और पुराने दर्द के लिए होता है। जैसे कि बैक पेन, नेक पेन या नर्वस सिस्टम और दिमाग को शांत करता है।
यदि आपको पहले से ही गर्म लग रहा है तो उस समय गर्म पैक आपकी मदद नहीं करेगा और यदि आपको पहले से ही ठंड लग रही है तो उस समय कोल्ड पैक स्थिति को और बिगाड़ेगा। गलत पैक लगा लेने के कारण उसके दुष्परिणाम भी झेलने पड़ते हैं।
यह जानने के लिए कि हमें कब कौन सा पैक लगाना है उसके लिए हमें दर्द के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। हम यहां पर कुछ जानकारी दे रहे हैं।
ऐसी समस्याएं जोकि लंबे समय से चल रही हों या क्रोनिक हों या जोकि छः सप्ताह से ज्यादा चल रही हों। उदाहरण के लिए आर्थराईट्स जिसकी वजह से कारटिलेज खराब होती हैं। ऐसी समस्या के लिए गर्म पैक ट्रीटमंेट की जरूरत होती है जिससे कि ज्वाईंट स्टिफनेस कम होती है और मसल्स रिलेक्स होते हैं।
आईस पैक ऐसे दर्द के लिए ठीक रहता है जोकि जलन को कम करता है। सिर दर्द में नर्व और दिमाग की ब्लड वेस्लस में दर्द बढ़ता है। इसको आईस पैक लगा कर नंबनेस के द्वारा कम किया जा सकता है।
नेक स्पैज्म में अधिकतर लोग ठंडा पैक लगाने की गलती करते हैं जिससे कि दर्द कम होने की बजाय बढ़ जाता है। इसलिए इस दर्द को कम करने के लिए गर्म पैक लगाएं।
यदि आपके मसल्स खिंच जाते हैं या नसों में चोट लग जाती है तो पहले ठंडा पैक लगा कर जलन और दर्द को नंब किया जा सकता है। जब जलन कम हो जाती है तो आपके मसल्स अकड़ सकते हैं। ऐसे में उन्हें हल्का करने के लिए हीट पैक का इस्तेमाल करें।
जब आपके ज्वाईंट्स खिंच जाते हैं या फट जाते हैं तो पहले उस पर कोल्ड पैक लगाएं जिससे कि जलन और दर्द में कमी आए। जब जलन बिल्कुल भी न रहे तो हौट पैक लगाएं जिससे कि अकड़ाहट कम हो।
ठंड में पैर सूज जाएं तो एपस्म साल्ट को सेंधा नमक को गर्म पानी में मिलाकर पैर की सिकाई करं। यह साल्ट एंटी इन्फ्लैमटरी होता है। जो सूजन को कम करने और दर्द में राहत पहुंचाता हैं। इसमें मैग्नीशियम सल्फेट भी होता है जो मांसपेशियों के दर्द में राहत पहुंचाता है। इसमें मैग्नीशियम सल्फेट भी होता है जो मांसपेशयों के दर्द से दूर करता है। थके हुए पैरों को आराम पहुंचाने के लिए एक टब में दो लीटर पानी डालकर उसमें आधा कम नमक मिला दें। ध्यान दें पानी ज्यादा गर्म न हो। पैरों को टब में कम से कम 20 मिनट तक रखें।
- ठंडी सिकाई करते समय ध्यान दें
- आइस बैग को 20 से ज्यादा बार प्रभावित स्थान पर न लगाएं। 10 मिनट तक सिकाई के बाद 2 मिनट का ब्रेक लें। मसल्स में दर्द, खिंचाव, सूजन और त्वचा छिल जाने पर ठंडी सिकाई दें।
- गर्म सिकाई
- अगर डायबिटीज है या ब्लडसर्कुलेशन संबधी कोई बीमारी हे तो गर्म सिकाई न करें।
- अगर दर्द किसी पुरानी चोट का हो तो गर्म सिकाई मदद करती है।
- पुरानी चोट का ब्लड सर्कुलेशन से की जाए तो गर्म सिकाई से फिर से शुरू हो जाता ह। इससे मसल्स का दर्द दूर होता है।
- ध्यान दें - सूजन होने पर तुरंत पैक न लगाएं। पहले ठंडा पैक के बाद में गर्म पैक दें।
- 5 मिनट से अधिक गर्म पैक न हो।
- एक बार इस्तेमाल करके पानी को फेंक दें, उसे दोबारा से इस्तेमाल न करें।
- बहुत गर्म पैक न लगाएं।