निर्मला सीतारमन को पंसद है बनारसी साड़ी

 

देश की पहली महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट के साथ ही अपने देश की संस्कृति और कला का भी प्रतिनिधित्व करती हैं। कला कारीगरी और फैशन के रूझान पर भी उनकी नजर उतनी ही सक्रिय है जितनी बजट पर।  निर्मला सीतारमण का वित्त मंत्री के रूप में ये लगातार सातवां बजट रहा है. हर बार उनकी साड़ी आकर्षण का केंद्र बनती है। इस बार उन्होंने बनारसी सिल्क  की ऑफ व्हाइट कलर की साड़ी पहनी जिसके साथ डार्क पर्पल कलर का ब्लाउज पहना है. जिसपर गोल्डन जरी का काम  है।

 दरअसल सीतारमन काे काशी और कांची दोनों जगह बहुत पसंद है। कार्यक्रम में शिरकत करते समय अधिक्तर वह साड़ी में ही नजर आती हैं। साड़ी पहनने का तरीका उनका एक जैसा ही रहता है।   बेहतरीन डिजाइन के कारण  बनारसी साड़ी उनकी पसंदीदा साड़ी है। साथ ही गर्मियों में बहुत कंफर्टेबल रहती है. इसकी पहचान इसके मुलायम और चमकदार सिल्क धागों से होती है. साड़ी के पल्लु के किनारों को छुने से इसकी पहचान आसानी से की जा सकती है।
बनारसी सिल्क साड़ी में क्या है खास?
बनारसी सिल्क साड़ी अट्रैक्टिव लुक देती है. साथ ही ये साड़ी तपती गर्मी के दौरान आराम भी देती है. बनारसी सिल्क साड़ी उत्तर-प्रदेश के बनारस, चंदौली, आजमगढ़, जौनपुर, मिर्जापुर और संत रविदास नगर जिले में बनाई जाती हैं. इसे बनाने के लिए कच्चा माल बनारस से आता है. कई साड़ियों को बनाने के लिए शुद्ध सोने की जरी का उपयोग किया जाता है. जिसके कारण उसकी कीमत बहुत बढ़ जाती है. लेकिन आजकल बाजार में नकली चमकदार जरी का काम की हुई साड़ी भी मिल जाती है.
बनारसी साड़ियों की एक और खासियत है कि ये भारतीय संस्कृति की पहचान और शान का प्रतीक मानी जाती है. बनारसी सिल्क साड़ियों का निर्माण उच्च गुणवत्ता और मजबूत कपड़े से होता है. इसे कारीगरों द्वारा हाथ से बनाया जाता है. इसमें कई तरह के माेटिफ और पैटर्न हाेते हैं। बूटी, बूटा, बेल, जाल, जंगला और कोनिया शामिल हैं.
बनारसी सिल्क साड़ी के प्रकार
बनारसी सिल्क बहुत तरह की होती है. जिसमें कॉटन बनारसी साड़ी, बनारसी सिल्क साड़ी, तुस्सर बनारसी साड़ी, काटन बनारसी साड़ी और ऑरंगजा बनारसी साड़ी शामिल है. हर एक साड़ी भी अपनी विशेषता होती है. कृपया हमारे फेसबुक समूह से जुड़े। खरीददारी करें।
  https://www.facebook.com/groups/CLUBV/

कोई टिप्पणी नहीं:

Special Post

गजानन के मस्तक पर विराजमान है गजासुर- डा. अनुजा भट्ट

आपने पिता पुत्र के बहुत से संवाद सुने होंगे। पर आज मैं आपको शिव और गणेश की बातचीत बता रही हूं । पिता पुत्र संवाद भीतर कौन जा रहा है बाहर क...