बुधवार, 12 दिसंबर 2018

फैशन ये कहता है यारा तुझमें मैं, मुझमें तू.. अनुजा भट्ट


फैशन में यह समय जड़ों की तरफ लौटने का है। हम अपने प्राचीन संगीत नृत्य और ताल को खोज रहे हैं। परंपरागत पहनावे और संस्कृति को महत्व दे रहे हैं। हमारी बोली बानी में भले ही अंग्रेजियत रच बस गई हो पर जब बात उत्सव की आती है तो हम अपनी संस्कृति को याद करते हैं। परंपरा के अनुसार पहले शादी के अवसर पर परिवार के सभी सदस्य एक जैसी पगड़ी या साफा पहनते थे और परिवार की महिलाएं दुप्पटा या ओढ़नी. फिर सब कुछ बदल गया था. लेकिन अब हम वापसी कर रहे हैं...
शादियों में फैशन हर साल एक नया ट्रेंड लेकर आता है जिसे सब महसूस करते हैं। पिछले साल तक शादियों में थीम को बहुत महत्व मिला। थीम के मुताबिक शादी के मंडप सजाए गए। कहीं ताजमहल ते कहीं लाल किला नजर आए। पर इस बार जो शादियां हो रही हैं वहां संस्कृति रचबस रही हैं। शादी के कार्ड के साथ मिठाई देने की पुरानी परंपरा थोड़े फैशन के साथ और ज्यादा ताजी हो गई है । शादी का कार्ड और मिठाई का डिब्बा अब साथ है। दूल्हा दुल्हन का जोड़ा ही अब डिजाइनर नहीं है बल्कि परिवार के अन्य लोगों के परिधान भी डिजाइनर हो गए हैं। फिल्मी सेलिब्रिटी शादियों का यह माहौल अब मध्यमवर्ग को भी प्रभावित कर रहा है। यह मौका शादियों में किसी थीम को दिखाने का नहीं रहा बल्कि अब तो हम अपनी संस्कृति में फैशन को घोल रहे हैं।


यह समय हॉलीवुड- वॉलीवुड और उद्योगपतियों की शादियों का है। दीपिका पादुकोण- रणवीर सिंह तो प्रियंका निक की जोड़ी के साथ उद्योगपति मुकेश अंबानी की बेटी ईशा आनंद की शादी की सुर्खिया सभी जगह छाई हुई हैं। इन सुर्खियों में जिस पर सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है वह है पहनावा और संस्कृति। शादी के संगीत में जिस तरह से डीजे धमाल मचा रहा था और कुछ खास गानों पर लोग थिरक रहे थे। वहां से हम वापस हे लिए हैं अब हमें वहीं पुराने लोकगीत, शास्त्रीय संगीत, नृत्य, सूफी और कब्बाली याद आ रही है। नीता अंबानी का नृत्य इसी परंपरा का फैशनबल रूप है। अपने को पहचानने की ललक और प्रेम, शादी का मूल मंत्र भी यही है।


इन शादियों में मेहमानें के साथ ही साथ उनका पहनावा भी कई मायनों में महत्वपूर्ण रहा। महत्वपूर्ण इसलिए भी क्योंकि यह अलग अलग संस्कृतियों के मिलन का भी प्रतीक था और विविधता का भी। विभिन्न संस्कृतियों का पहनावा, सजधज, आभूषण और अलंकार साथ ही रीति नीति के जरिए हमने बहुत सारी विविधताएं देखी। यह विवधताएं फैशन के गलियारों से होते हुए जब हम तक पहुंची तो उसमें ग्लैमर का तड़का भी था। दीपिका ने कोंकणी रिवाज के अनुसार पहले सफेद रंग का लंहगा पहना तो रणवीर ने भी सफेद रंग का कुर्ता, चूड़ीदार और पगड़ी पहनी। सफेद रंग के बाद दीपिका ने नारंगी रंग का लंहगा पहना। कोंकणी शादी के बाद उनकी शादी सिंधी और पंजाबी रीतिनीति से भी हुई जिसमें उन्होंने सलवार कुर्ता पहना। इस तरह कोंकणी गहनों के साथ ही दीपिका ने पंजाबी चूड़ा भी पहना। प्रियंका की शादी भी दो तरह से हुई। इसाई रीति रिवाज और पंजाबी संस्कृति की झलक हर जगह दिखाई दी। प्रियंका ने भी ईसाई शादी में लंबा गाउन पहना तो लंहगा और साड़ी भी पहनी।


इन दिनों फैशन में जो ट्रेंड सामने दिखाई दिया वह है जोड़े का एक जैसा पहनावा, सिर्फ रंग में ही नहीं स्टाइल में भी..आइए पहले बात करते हैं हाल ही में शादी के बंधन में बंधे रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण की। शादी से पहले भी कई बार और शादी के बाद तो लगातार यह जोड़ा साथ में एक दूसरे से मेल खाते पहनावे में नजर आ रहे हैं।


दुनिया की सबसे खूबसूरत अभिनेत्रियों में से एक ऐश्वर्या और उनके पति अभिषेक बच्चन भी कई बार एक ही तरह के पहनावे में नजर आ चुके हैं । इनकी अंतरंगता लोगों के बीच सफल जोड़े की पहचान विकसित करती है। क्रिकेट कप्तान विराट कोहली और बॉलीवुड अभिनेत्री अनुष्का शर्मा पिछले ही साल शादी के बंधन में बंधे हैं। अक्सर हाथों में हाथ डाले ये जोड़ा एकजैसे पहनावे में नजर आ चुका है।


देसी गर्ल प्रियंका चोपड़ा और हॉलिवुड के चर्चित गायक निक जोनस को भी कई बार एकजैसे पहनावे में एकसाथ कभी साइकिल चलाते हुए तो कभी एयरपोर्ट पर देखा गया है।


दिव्यंका विवेक-छोटे पर्दे का ये खूबसूरत और मशहूर जोड़ा शादी करके अपने प्यार को नाम दे चुका है। चाहे परंपरागत परिधान हों या पाश्चात्य शैली में बने परिधान.. दोनों कई मौकों पर एकजैसे पहनावे में नजर आ चुके हैं।


इसी साल शादी के बंधन में बंधे युविका और प्रिंस ने हाल ही में एक फोटो शेयर की है जिसमें दोनों एक जैसी टी-शर्ट पहने हैं। बिपाशा और करण भी कई बार एक साथ रंग में रंगे नजर आते हैं।


वैसे तो मीरा बॉलिवुड से नहीं है लेकिन वो किसी बॉलिवुड की अभिनेत्री से कम नहीं लगतीं। दोनों अपने रोमांटिक अंदाज से लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचते नजर आते हैं। इन दोनों को भी कई बार एक जैसे पहनावे में में देखा गया है।


क्या है यह ट्रेंड


इस ट्रेंड का सीधा सा मतलब यह है कि लोग जोड़े में हो या समूह में वह एक जैसा दिखना और महसूस करना चाहते हैं। पहले यह मैचिंग यानी समरूपता वाला फैशन हर कोई अपने लिए करता था । मैचिंग यानी समरूपता पहले परिधान औरर आभूषणें तक ही सीमित थी फिर उसके साथ अन्य चीजें भी जुड़ी जैसे पर्स चप्पल जूते आदि. फिर जमाना आया कंट्रास्ट यानी विरोधाभासी रंगों का। लेकिन अब यह मैचिंग वाला फैशन व्यक्तिगत न होकर सामूहिक हे गया है। जोड़े कई तरह के हो सकते हैं।


पतिपत्नी


सिर्फ सेलीब्रिटी पति पत्नी ही नहीं आम पतिपत्नी भी आजकल किसी कार्यक्रम में जाते हैं तो कोशिश होती है एक तरह के परिधान पहनने की। पहनावा एक जैसा न हो तो बात रंग पर आ जाती है। एक ही रंग..


दोस्ती में भी यह चलन में है। दोस्त भी पार्टी में यह ट्रेंड अपनाते हैं यहां पर वह एक जैसी एक्सेसरीज पर जोर देते हैं लड़किया हैं तो एक जैसी इयररिंग ,पर्स और लड़के हैं तो एक जैसे मफलर. कुछ न कुछ मैचिंग जरूर होना चाहिए।


मां बेटी और पिता पुत्र


मां बेटी और पिता पुत्र भी इस ट्रेंड में पीछे नहीं हैं। वह भी एक जैसा फील चाहते हैं कभी टीशर्ट में तो कभी एक जैसे कुर्ते में वह फैशन का यह बदलाव महसूस करते हैं। अलग अलग साइज में एक ही प्रिंट या डिजाइन की सहूलियत भी है। ब्रांड अलग अलग साइज में एक ही डिजाइन के कई परिधान बनाती हैं। परिधान सब तरह के डिजाइन में हैं आप चाहें तो पाश्चात्य शैली से लेकर भारतीय शैली तक किसी से भी कुछ भी चुन सकते हैं।


एक जैसा दिखने और महसूस करने के लिए जरूरी नहीं कि पहनावा परंपरागत ही हो। भारतीय और पाश्चात्य शैली में बने किसी भी परिधान के साथ यह प्रयोग किया जा सकता है। यह बहुत खर्चीला भी नहीं है। आप सीमित बजट में भी इसे अपना सकते हैं।


संक्षेप में कहूं तो फैशन में यह समय समरूपता, एकाग्रता और संस्कृतियों के मिलन का है। फिर चाहे वह संगीत हो खानपान हो या हो पहनावा.. आप भी इस ट्रेंड को अपनाएं और कुछ खास महसूस करें।

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