मंगलवार, 1 मई 2018

TUESDAY PARENTING सिर्फ प्लीज नहीं कुछ और भी- अनुजा भट्ट

आपको क्या लगता है कि सिर्फ प्लीज और थैंक यू कहना सीखना ही एटीकेट में आता है। सोसाइटी को चलाने के लिए कुछ रूल्स की जरूरत होती है और इन्हें ही गुड मैनर्स भी कहा जाता है। आपकी मुलाकात के शुरू के कुछ सेकंड ही आपके बारे में बहुत कुछ सामने वाले को बता देते हैं। गुड मैनर्स ऐसी लाइफ स्किल हैं जोकि हर एक व्यक्ति के अंदर आदतों में शुमार होनी चाहिए। बच्चों की रोजमर्रा की आदत में यदि अच्छे संस्कार डाल दिए जाएं तो उनकी आने वाली जिंदगी आसान हो जाती है। यदि आपने इसके लिए देर कर दी तो बड़े होने पर इसकी आदत डलवा पाना बहुत मुश्किल होता है। सबसे बढ़िया तरीका यह है कि हर कोई एडल्ट व्यक्ति चाहे वह पेरेंट्स हों या स्कूल के टीचर सभी बच्चे के साथ वैसा ही व्यवहार करें जैसा कि वह चाहते हैं कि बच्चा उनके साथ करे। इससे बच्चे की आदतों में यह सब मैनर्स समाहित हो जाएंगे। यदि हम किसी के साथ अच्छा व्यवहार करते हैं तो दूसरे को तो अच्छा लगता ही है स्वयं भी हमें खुशी और संतोष की प्राप्ति होती है। अपने बच्चों को प्रोत्साहित करें कि वह प्लीज और थैंक्स शब्दों का प्रयोग करें। 
खाने के समय टेबल पर पानी मांगने के लिए प्लीज शब्द का प्रयोग होना चाहिए न कि आॅडर के तौर पर कहा जाए। यदि किन्हीं लोगों के ग्रुप के बीच में से निकलना हो तो एक्सक्यूज मी कहकर रास्ता मांगें। 
बात करते हुए बीच में किसी को न टोकें। यदि टोकना भी पड़े तो पहले उसके लिए माफी मांग लें।
 यदि कोई आपसे पूछे कि आप कैसे हो तो आपको भी जवाब देकर उनके हालचाल के बारे में पूछना चाहिए।
 घर पर भी अपने बच्चों को सिखाएं कि दूसरों को पहले अंदर आने के लिए दरवाजे को होल्ड करके खड़़े हों।
 बच्चे को खाना खाने के सही तरीके सिखाएं।
 यदि कोई व्यक्ति कुछ लेकर जा रहा है और उसे मुश्किल हो रही है तो आप अपनी हेल्प उसे आॅफर करें। बच्चे को सिखाएं कि वह बोलने से पहले जरूर सोचे कि यह बात यहां बोलनी चाहिए या नहीं। 
बच्चे पाॅजिटिव बातचीत करें न कि इधर उधर की बातें करके झगड़ा करें। बच्चे को सिखाएं कि यदि कोई उन्हें काम्पलीमेंट करता है तो अपनी आंखें न झुकाएं बल्कि उसे सहर्ष स्वीकार करें।

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