रविवार, 2 अप्रैल 2017

जिंदगी के रास्ते पर चलना जरा संभलकर- डा. अनुजा भट्ट


यदि हमें कोई समस्या होती है तो हमारा शरीर कुछ संकेत अवश्य देता हैै।  लेकिन हम छोटी-छोटी समस्याओं की ओर ध्यान नहीं देते और समस्या गंभीर रूप धारण कर लेती है।  आइए बात करते हैं ऐसे ही कुछ संकेतों और समस्याओं के बारे में।

कई बार ऐसा देखने में आता है कि पेशेंट का टूथ इनेमिल एकाएक खत्म हो गया । जांच के बाद उन्हें बड़ी हैरानी होती है कि ऐसा  ऐसिड रिफल्क्स के कारण हुआ है जबकि उन्हें कभी भी हार्टबर्न और रिफल्क्स की समस्या नहीं होती।  रिफल्क्स का यदि ट्रीटमेंट न किया जाए तो आपके दांत खराब हो सकते हैं साथ ही आपको गले का कैंसर भी हो सकता है।  रिफल्क्स की अन्य निशानियों हैं गले में खराश, खांसी, जोर-जोर से सांस लेना।
 एग्जीमा की बीमारी के रूप में देखा जाता है लेकिन इसका एक और गंभीर कारण हो सकता है वह है कोलिक डीसिज। यह ऐसी बीमारी है जिसमें यदि थोड़ी सी ग्लूटन भी खाने की चीजों में ले लिया जाए (जैसे की गेहूं, राई, बारले) तो आपकी बाॅडी खुद ही अपनी आंतों को नुकसान पहुंचाने लगती हैै।  इसलिए यदि आपको  कोई भी समस्या हो तो उसे इग्नोर न करें।
 बीमारी का पहला लक्षण है कंपकंपी।  लेकिन इसका पहला लक्षण होता है कि हैंडराइटिंग छोटी हो जाती है और शब्द बहुत ज्यादा बतवूकमक दिखतेेे हैं।  तकनीकी तौर पर इस बीमारी को माइक्रोग्राफिया कहा जाता है।  पार्किन्सन बीमारी में दिमाग के अंदर के सेल खराब या मरने लगते हैं।  उनसे डोपामाइन कम बनता होता है और हमारी मूवमेंट प्रभावित होती है जिससे हाथों एंव उंगलियों में अकड़ाहट आ जाती है और हैंडराइटिंग बतंउचमक दिखती है।  इसके अलावा बोलने में दिक्कत और सही से नींद न आना अन्य लक्षण हैं।  चूंकि यह बीमारी बुर्जुगों को ज्यादा होती है इसलिए इसके लक्षण जल्दी नहीं पता लग पाते क्योंकि बुजुर्ग होने पर अधिकतर लोगों को यह समस्याएं हो जाती है।  इसके शुरूआती लक्षण होते हैं धीमे बोलना और या हल्का हकला कर बोलना।
डिप्रेशन के आधे से ज्यादा पेशेंट में चिड़चिड़ापन या गुस्सा जैसे लक्षण होते हैं।  महिलाओं में डिप्रेशन पुरूषों से ज्यादा होता है लेकिन चिड़चिड़ापन और गुस्से के लक्षण पुरूषों में ज्यादा दिखाई देते हैं।  यदि आप अपने साथी पर छोटी छोटी बात पर गुस्सा करने लगते हो तो इसका कारण डिप्रेशन हो सकता है।  इसके लिए थैरिपी करवाएं और यदि जरूरी हो तो डाक्टरी सलाह पर एंटी डिप्रेसेन्ट्स भी लें।
यदि आपको छोटी छोटी बातों को याद रखने में, अपने रोजमर्रा के फाइनेंस को मैनेज करने में दिक्कत हो रही हो तो इसे हल्के में न लें।  यह अलजाइमर की शुरूआत हो सकती है।
 खर्राटे आपकी कारोटिड आरटरी को खराब कर सकते हैं जिससे कि ब्लड की सप्लाई ब्रेन को होती है। ं जिसकी वजह से हार्ट फेल या स्ट्रोक होने की संभावना होती है।  इसलिए खर्राटे को हल्की परेशानी में न लें।
कई पुरूषों को  45 वर्ष की उम्र केे करीब पहुंच कर  मतमबजपसम कलेनिदबजपवद की समस्या हो जाती है लेकिन दिल की बीमारी की कोई चिन्ह नहीं होते ।  यह समस्या जिनको होती है उनमें से करीब 60 प्रतिशत पुरूषों को दिल की बीमारी हो सकती है।  इसलिए यदि यह समस्या लग रही हो वह डाक्टर से दिल का चेकअप जरूर कराएं।
जो बैक्टीरिया गम डीसीज करता है वही दिल की बीमारी का भी कारण बन सकता है।  इसलिए तीन या छः महीने के अंदर एक बार अपने दांतों की क्लीनिंग जरूर करा लें।
यदि आपको बार बार पेशाब के लिए जाना पड़ता हैै तो आपको टाइप 2 की डायबटीज हो सकती है।  उसके लिए डाक्टर की सलाह पर टेस्ट कराएं और अपना इलाज भी करवाएं।  यदि आपको पेशाब जाने में कमी या अधिकता हो गई है तो ब्लैडर या प्रोस्टेट कैंसर वजह हो सकती है।
यदि आप स्ट्रेस या थकान की वजह से लोगों के नाम जल्दी भूल जाते हैं तो ऐसा होना स्वाभाविक है।  इसके अलावा चीजों को भूल जाने का एक कारण हाइपोथायराइड या थायराइड हारमोन की कमी भी हो सकती है।  यदि आप पूरी रात की नींद के बाद भी थकान महसूस कर रहे हैं,  ठंड, रूखी त्वचा, टूटे नाखून महसूस कर रहे हैं तो इन लक्षणों को इग्नोर न करें और थायराइड के लिए अपना इलाज करवाएं।
यदि आप बिना किसी व्यायाम या डाइट प्लान के भी 4 सें 5 किलो वजन घटा लेते हो तो अपना चेकअप जरूर कराएं।  इसकी वजह पेनक्रियेटिक, स्टोमेक, भोजन की नली का या फिर लंग कैंसर भी हो सकती है।
यदि किसी भी कारण से आपको ब्लीडिंग होती है चाहे वह खांसी करने पर आए, वैजीना से, यूरीन में, स्टूल में या ब्रेस्ट से तो इसके लिए डाक्टरी सलाह अवश्य लें।
डाइट की वजह से अपच, डायरिया गैस या ब्लोटिंग हो सकती है लेकिन यदि यह समस्या एक सप्ताह से ज्यादा हो रही है तो अपने डाक्टर से सलाह लें।
यदि आपको जल्दी जल्दी बुखार आता है या इन्फेक्शन हो रहा है, दर्द होता है या फ्लू जैसे लक्षण है तो यह ल्यूकिमिया हो सकता है।







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कुमाऊंनी भाषा के कबीर रहीम की जोड़ी डा. अनुजा भट्ट

   हल्द्वानी जो मेरे बाबुल का घर है जिसकी खिड़की पर खड़े होकर मैंने जिंदगी को सामने से गुजरते देखा है, जिसकी दीवारों पर मैंने भी कभी एबीसी़डी ...