रविवार, 12 फ़रवरी 2017

फिर से हाजिर हैं आपके लिए नई पाेस्ट के साथ

 मित्राें, नमस्कार
 आज बहुत  दिनाें के बाद आपसे फिर से रूबरू हाे रहे हैं।  इस बीच हमारा ध्यान पूरी तरह  वागीशा क्लब काे मजबूत बनाने में रहा। हमने मैं अपराजिता नाम से मासिक पत्रिका निकाली जिसे पाठकाें ने बहुत पसंद किया। यह पत्रिका ई मैग्जीन के रूप में आप मैजिस्टर और राक स्टेंड में ङी पढ़ सकते हैं।  डेस्क टाप के  लिए मैजिस्टर और माेबाइल के लिए राक स्टैंड में यह सुविधा है। हा़र्ड कापी के  लिए  सब्सिक्रप्शन लेना हाेगा।  आपके पते पर मैग्जीन भेज दी जाएगी। दिल्ली एन,सीआर में रहने वाले मात्र 100 रूपये का पेटीएम करके मैग्जीन के 3 अंक मंगवा सकते हैं।

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कुमाऊंनी भाषा के कबीर रहीम की जोड़ी डा. अनुजा भट्ट

   हल्द्वानी जो मेरे बाबुल का घर है जिसकी खिड़की पर खड़े होकर मैंने जिंदगी को सामने से गुजरते देखा है, जिसकी दीवारों पर मैंने भी कभी एबीसी़डी ...