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सेक्सी और ब्यूटीफुल ये दो अलग- अलग अभिव्यंजना
वाले शब्द क्या आज के दौर में समानार्थी हो गए हैं? ऐसे और भी बहुत से शब्द हैं जिसे सुनकर अब शर्म से आंखें नहीं
झुकती बल्कि ऐसे शब्द आज के दौर में हमें व्यवहारिक
होने और आधुनिक होने का अहसास कराते से प्रतीत हो रहे हैं। लड़कियों को खुद को सैक्सी कहे जाने में कोई आपत्ति
नहीं हैं। ऐसी बहुत सी गालियां भी हैं जो अब आम बोलचाल में चल पड़ी हैं। अंग्रेजी बोलचाल
में ी को उद्बोधन करती ऐसी गालियों
की भरमार है और हिन्दी और क्षेत्रीय भाषाओं में भी ऐसी गालियां आम हैं। आम होने की वजह यह है कि वह
स्वीकार्य है। उनको बोलने वाला कौन है इसका उत्तर हम सभी जानते हैं? भाषा का संस्कार क्या ी के लिए ही है? बॉलीवुड अभिनेत्री नेहा कहती
हैं कि किसी को सेक्सी पुकारे जाने में कोई भी गलत नहीं है। बशर्ते इस संबोधन का इस्तेमाल वाजिब संदर्भ में
किया गया हो। अगर मुझे कोई सेक्सी, कूल या हॉट कहता है तो इसमें क्या गलत है? अगर इस संबोधन का जुड़ाव मेरे
किसी सिनेमाई किरदार से है तब मुझे यह बुरा नहीं लगता। नेहा की ही तरह विद्या बालन
की राय मे भी सेक्सी शब्द को परिभाषित नहीं किया जा सकता। वह कहती हैं वास्तव में यह
सौंदर्य का प्रतीक है। आज के जमाने में जिस
तरह लड़कियां अपनी जिंदगी,
अपनी सेक्सुएलिटी को
अपने तरीके से जी रही हैं,
वह वाकई काबिलेगौर
है। क्यों कोई लडक़ी इसके लिए सारी पील करे कि वह अपनी जिंदगी को उस ढंग से जी रही हैं, जैसा वह चाहती हैं। यही सही
मायने में असल आजादी है। पाकिस्तानी पोर्न
फिल्म अभिनेत्री वीना मलिक कहती हैं, अगर किसी लडक़ी या महिला को सेक्सी कहता है, तो उसे पाजिटिव लेना चाहिए और
उसे खुद पर बिलीव करना चाहिए कि वह हाट और सेक्सी है। बेहतर होगा कि लेजी इसे निगेटिव
न ले। सच तो यह है कि सेक्सी बहुत ही ब्यूटीफुल शब्द है। मुझको अगर कोई सेक्सी कहता
है तो मुझे बहुत अच्छा लगता है।
तो क्या यह माना जाए कि ब्यूटीफुल की जगह सेक्सी ने ले ली है
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ममता
शर्मा भी सेक्सी का अर्थ सुंदर और आकर्षक से मानती है।
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