सोमवार, 30 जनवरी 2012

आभार



 मित्रों आपने मेरा ब्लाग वागीशा पढ़ा और इसे सराहा इसके लिए मैं आप सबको धन्यवाद देना चाहती हूं। एक माह में  2000 से ज्यादा लोगों का इसे पढऩा एक सुखद अनुभूति का अहसास करा रहा है।  मैं चाहती हूं कि आप अपनी  टिप्पणी  भी प्रेषित करें। माह में सर्वश्रेष्ठ टिप्पणी  को पुरस्कृत किया जाएगा। आप क्या पढऩा चाहते हैं इस पर भी अपनी राय दें। हम बहुत जल्दी ही वागीशा का विस्तार एक वेब मैग्जीन के रूप में करने जा रहे हैं। जहां आपको देने के लिए मेरे पास ज्यादा स्पेस रहेगा।
 सादर स्नेह- अनुजा

special post

कुमाऊंनी भाषा के कबीर रहीम की जोड़ी डा. अनुजा भट्ट

   हल्द्वानी जो मेरे बाबुल का घर है जिसकी खिड़की पर खड़े होकर मैंने जिंदगी को सामने से गुजरते देखा है, जिसकी दीवारों पर मैंने भी कभी एबीसी़डी ...