सिर में हो रहे लगातार दर्द को माइग्रेन कहा जाता है। हाथ-पैर में
झुनझुनी, उल्टी और रोशनी तथा आवाज से सेंसिटीविटी का बढ़ना जैसे लक्षण
माइग्रेन के लक्षण होते हैं। दुनिया भर में माइग्रेन से पीड़ित लोगों की
काफी बड़ी तादाद है। लोग इसके लिए तमाम तरह के चिकित्सकीय उपचार अपनाते
हैं। लेकिन आज हम आपको योग के कुछ उन आसनों के बारे में बताने जा रहे हैं
जिनको नियमित रूप से करने से माइग्रेन की समस्या को हमेशा-हमेशा के लिए
खत्म किया जा सकता है।
शषांकासन
इसे करने के लिए सबसे पहले बैठकर दोनों एड़ीं पंजे आपस में मिला लें। अब हथेलियों को दाईं ओर रखें और पंजो को तान लें। घुटनों को टांगों से मोड़ते हुए वज्रासन की स्थिति में आ जाएं। अब दोनों घुटनों को दोनों ओर फैला दें तथा दोनों हथेलियों को दोनों घुटनों के मध्य जमीन पर टिका दें। सांस बाहर करते हुए कमर के निचले हिस्से से धीरे-धीरे झुकते जाएं ऐसा करते हुए हथेलियों को आगे खिसकाते रहें। अपनी ठोड़ी को धरती से लगा लें। फिर उल्टी क्रिया करते हुए धीरे-धीरे पूर्वावस्था आ जाएं।
हलासन
इस आसन को करने के लिए सबसे पहले लेटकर दोनों एड़ी पंजो को आपस में मिला लें। अब दोनों टांगों को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं और सांस बाहर निकालते हुए सर की तरफ लेकर आएं। अब पंजों को जमीन से टिका दें। अंत में धीरे-धीरे पूर्व अवस्था में लौट आएं।
विपरीत करणी मुद्रा आसन
सबसे पहले लेटकर एड़ी और पंजों को आपस में मिला लें। दोनों हथेलियों को धरती की ओर रखें। पंजों को टाइट कर दोनों पांवों को धीरे धीरे ऊपर उठाना शुरू कर दें। दोनों हथेलियों को नितंबों पर लगाकर उन्हें भी ऊपर की ओर उठाएं। कंधों से जंघा तक 45 डिग्री का कोण बनाएं। पंजों को तान दें और सांस को सामान्य कर लें। फिर धीरे धीरे पूर्वावस्था में लौट आएं और पंजो को धीरे से जमीन पर टिका दें।
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डा. दीपिका शर्मा अपाेलाे फेमिली क्लीनिक नौएडा, उत्तरप्रदेश, सेक्टर 110 में फेमिली फिजिशियन हैं।
सेहत से जुड़े सवाल आप हमारे मैं अपराजिता के फेसबुक पेज में कर सकते हैं। अपनी सेहत संबंधी समस्या के लिए आप हमें मेल भी कर सकते हैं-
mainaparajita@gmail.com
शषांकासन
इसे करने के लिए सबसे पहले बैठकर दोनों एड़ीं पंजे आपस में मिला लें। अब हथेलियों को दाईं ओर रखें और पंजो को तान लें। घुटनों को टांगों से मोड़ते हुए वज्रासन की स्थिति में आ जाएं। अब दोनों घुटनों को दोनों ओर फैला दें तथा दोनों हथेलियों को दोनों घुटनों के मध्य जमीन पर टिका दें। सांस बाहर करते हुए कमर के निचले हिस्से से धीरे-धीरे झुकते जाएं ऐसा करते हुए हथेलियों को आगे खिसकाते रहें। अपनी ठोड़ी को धरती से लगा लें। फिर उल्टी क्रिया करते हुए धीरे-धीरे पूर्वावस्था आ जाएं।
हलासन
इस आसन को करने के लिए सबसे पहले लेटकर दोनों एड़ी पंजो को आपस में मिला लें। अब दोनों टांगों को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं और सांस बाहर निकालते हुए सर की तरफ लेकर आएं। अब पंजों को जमीन से टिका दें। अंत में धीरे-धीरे पूर्व अवस्था में लौट आएं।
विपरीत करणी मुद्रा आसन
सबसे पहले लेटकर एड़ी और पंजों को आपस में मिला लें। दोनों हथेलियों को धरती की ओर रखें। पंजों को टाइट कर दोनों पांवों को धीरे धीरे ऊपर उठाना शुरू कर दें। दोनों हथेलियों को नितंबों पर लगाकर उन्हें भी ऊपर की ओर उठाएं। कंधों से जंघा तक 45 डिग्री का कोण बनाएं। पंजों को तान दें और सांस को सामान्य कर लें। फिर धीरे धीरे पूर्वावस्था में लौट आएं और पंजो को धीरे से जमीन पर टिका दें।
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डा. दीपिका शर्मा अपाेलाे फेमिली क्लीनिक नौएडा, उत्तरप्रदेश, सेक्टर 110 में फेमिली फिजिशियन हैं।
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