डॉ. अनुजा भट्ट
जब घर पर ऑफिस बनाने की बात आती है तो सबसे पहले हम घर में एक ऐसी जगह की तलाश करते हैं जहां एकांत हो और आराम से बैठकर काम किया जा सके। पर इतना ही काफी नहीं है। हमको होम आफिस के इंटीरियर पर भी ध्यान देना होगा ताकि वह देखने में भी सुंदर लगे। और हमको ऑफिस का जैसा अहसास हो।
इस कमरे में पर्दे की जगह पर हम वुडन ब्लाइंड्स लगा सकते है। अगर रोशनी कम लगे तो इसको खींचकर ऊपर किया जा सकता है। आमतौर पर यह आफिस में प्रयोग में लाई जाती है। इसके अलावा कुछ इनडोर प्लांट्स भी लगाएं। ताकि हरियाली भी दिखाई दे।
दीवारों पर पेटिंग लगाएं। जिस कमरे में आफिस हो वहां बैठने की भी व्यवस्था हो और साथ ही एक काफी टेबल हो जिस पर फूलदान रखा हो । इसमें नियमित ताजे फूल लगाए जाएं। ताजे फूल रचनात्मकता का प्रतीक होते है। हर दिन नया रचने का संदेश भी देते है सबसे बड़ी बात मन को सुकून देते है। यह ऑफिस ऐसा हो जिसमें आप अपने क्लाइंट से मुलाकात भी कर सकें। खूबसूरत फर्नीचर, मजबूत और आरामदेह कुर्सियां, कंप्यूटर टेबल, प्रिंटर, फैक्स, फोन रखने की जगह सुविधाजनक हो। ताकि काम करने के दौरान तकलीफ न हो। याद रखिए यहां सारी व्यवस्था आपको करनी है क्योंकि आफिस भी तो आपका है।
आजकल बाजार में मीडिया हाउस भी ऐसी क्राकरी, स्टेशनरी बनवा रहे है जिसमें आफिस का टच रहता है। विश्व पुस्तक मेले में एनबीटी ने ऐसे मग प्रदर्शनी के लिए रखे है जिसमें आई लव बुक्स जैसे स्लोगन लिखे हैं। इसी तरह पढ़ाई-लिखाई और किताब पढऩे के लिए प्रेरित करने वाली टी-शर्ट भी पेश की गई हैं। हमारे रोजमर्रा की जरूरतों के साथ यदि पढ़ाई लिखाई की जरूरत को भी अहं मान लिया जाए और उसका प्रचार किया जाए तो इसका असर पड़ेगा। जो चीज निगाह में सबसे पहले आती है बार- बार आती है हम उसके प्रति प्रेरित होते हैं विज्ञापन का यही असर है। और यदि ऐसे मग, पेंसिल, रबड़, कॉपी आपके ऑफिस में हों तो फिर रचनात्मक असर तो होगा ही। आपकी टेबल के सामने भी रचनात्मक स्लोगन होने चाहिए । यह स्लोगन आपको इंटरनेट से मिल सकते है या खुद आप अपने लिए स्लोगन लिख भी सकते हैं। ये स्लोगन आपके टारगेट को पूरा करने में आपकी मदद करेंगे। कारपेट, रग, घड़ी इनको खरीदते समय भी रचनात्मकता का ध्यान दें। घड़ी आपकी टेबल के सामने होनी चाहिए। मोबाइल स्टेंड चार्जर भी जरूरी है ताकि घंटी बजने पर इसे खोजने में समय न लगे।
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