शनिवार, 10 मार्च 2012

आप भी बनें अपराजिता


अपराजिता संस्कृत का एक स्त्रीलिंग शब्द है। पराजिता शब्द में अ उपसर्ग लगाकर अपराजिता शब्द का निर्माण हुआ है। पराजिता शब्द भी पराजय शब्द से बना है जिसका अर्थ है हारना । अत: पराजिता शब्द का अर्थ है हारा हुआ। पराजिता शब्द में अ उपसर्ग लगाकर बने शब्द अपराजिता का अर्थ है जिसे हराया न जा सके। सामान्य रूप से इस शब्द का प्रयोग संज्ञा के रूप में होता है। जीवन में आने वाली सारी बाधाओं को पार कर जो अपने लक्ष्य पा लेती है, अपराजिता कहलाती है। हम चाहते हैं कि यह पत्रिका आपको अपने लक्ष्यों तक पहुंचा सके। आप भी बनें अपराजिता ।


इस पत्रिका का हर दिन एक खास अंक होगा। सातों दिन विविध विषयों से सजे लेख होंगे। आपकी जीवन-शैली के जितने भी आयाम है उनको ध्यान में रखते हुए इस पत्रिका की रूपरेखा तैयार की गई है। स्वास्थ्य से लेकर साजसज्जा, सौंदर्य से लेकर साहित्य, मनोरंजन से लेकर स्वाद, सलाह से लेकर सरोकार, करियर से लेकर अनुभव के साथ- साथ हम आपको पेरेंटिंग के बारे में भी बताएंगे। आपके बच्चों के लिए अच्छा साहित्य उपलब्ध कराएंगे। खाने-पीने, घूमने फिरने की भी बातें होंगी, गपशप होगी। देखते हैं किस दिन होगा क्या खास-

सोमवार स्वास्थ्य से जुड़े मसले पर बात होगी। जिसमें फिटनेस, योगा, पोषण पर भी ध्यान दिया जाएगा। मानसिक बीमारियों पर भी चर्चा होगी। रिश्ते नाते सुधारने में हमारे विशेषज्ञ मदद करेंगे।

मंगलवार के दिन साज-सज्जा के विविध रूप देखने को मिलेंगे जिसमें घर की सजावट के अलावा क्राफ्ट के बारे में भी जानकारी होगी। सिलाई- कढ़ाई , बुनाई के पैटर्न बताए जाएंगे।

बुद्धवार के दिन समाज-सरोकार से लेकर कारोबार तक की बातें होंगी। नए गैजेट्स,आटो मोबाइल के साथ नए ट्रेंड्स पर भी चर्चा होगी।

गुरुवार का दिन बच्चों पर केंद्रित होगा। उनके द्रारा बनाई गई पेंटिंग , उनके चित्र उनके लिए खास कविताएं, कहानियां और उनकी गपशप हम सबको गुदगुदाएगी।

शुक्रवार के दिन व्यक्तित्व-विकास पर चर्चा होगी। बाल विकास, संस्कृति, शिक्षा और सलाह जैसे विषयों पर प्रकाश डाला जाएगा।

शनिवार के लिए सजने- संवरने, घूमने- फिरने, मौज-मस्ती, खान-पान,फिल्म-सीरियल, फैशन के जलवे खास रहेंगे। देश दुनिया के खान-पान से लेकर फैशन के नए ट्रेंन्ड्स बताए जाएंगे। यात्रा-डायरी के जरिए आप अपने मनपसंद जगह के बारे में जानकारी ले सकेंगे।
रविवार किताबों के बारे में जानने का दिन है। नए हस्ताक्षरों से लेकर लोकप्रिय लेखकों की रचनाएं यहां पढ़ी जा सकेंगी। साक्षात्कार, उपन्यास- अंश के अलावा सप्ताह की विशेष रिपोर्ट भी प्रस्तुत की जाएगी। और भी होगा बहुत कुछ। बस आपका साथ चाहिए।


हमारी इस पत्रिका के लेखकों में देश-विदेश के कई विशिष्ट लेखक शामिल हैं। इस पत्रिका के कंटेंट के लिए वागीशा कंटेंट प्रोवाइडर कंपनी, नोएडा सहयोग कर रही है। बहुत जल्दी ही हम इसे प्रिंट मैंग्जीन के रूप में भी आपके सामने लाने का प्रयास कर रहे हैं। यह मासिक पत्रिका के रूप में होगी।


मंगलवार, 6 मार्च 2012

सजावट की एंटीक थीम




 डॉ. अनुजा भट्ट

होली का त्योहार रंगों और मस्ती के साथ अब सब तरफ  छाने लगा है। ऐसे में घर में मेहमानों की रौनक न हो ऐसा कैसे हो सकता है। गले मिलकर दावत के लिए निमंत्रण देना इस मौके पर ही होता है। ऐसे में आपका घर एंटीक से सजा हो तो फिर बात ही निराली है। जी हां यही मौका है कुछ अलग कर दिखाने का। इसीलिए पेश हैं आपके लिए कुछ आइडिया। 
एडवांस लाइफस्टाइल में स्लीक और कॉम्पेक्ट फर्नीचर की बजाय एंटीक लुक का फर्नीचर बाजार में अपनी जगह बना चुका है। आप भी कुछ डिजाइनर और नक्काशीदार वस्तुओं से ड्रॉइंगरूम सजा-संवार सकते हैं। एंटीक थीम पर सजावट के लिए सबसे अच्छा यह रहेगा कि कोई कलर थीम चुन लें और फिर उसी के अनुसार डेकोरेशन करें।
मसलन, अगर आप वुडन थीम के आधार पर अपना ड्राइंग रूम सजाना चाहते हैं, तो ड्राइंगरूम के पर्दे, सोफे के कवर, कुशन कवर, आर्टिफिकेट्स, वॉल कलर, हैंगिंग लैंप, फोटो फ्रेम आदि इस तरह लगाएंए जो अगर वुडन कलर के न भी हों, तो इससे मैचिंग जरूर रखते हों।
घर में मेहमान आएं, तो ऐसे में मेहमानों के सामने ट्रेंडी और राजसी लुक दिखाने के लिए नक्काशीदार चीजें काफी चलती हैं। नक्काशीदार सेंटर टेबल, कुर्सियां, सोफे और मिरर बाजार में काफी आसानी से मिल जाएंगे। इनके डिजाइन भी काफी मिल जाएंगे। आप अपने ड्राइंगरूम के साइज और कलर कॉम्बिनेशन के मुताबिक फर्नीचर का चयन कर सकते हैं।
उसे आप अपने घर में उकेर सकते हैं। मसलन, राजस्थान का कलरफुल अंदाज हो, गुजरात की नक्काशी या फिर उड़ीसा का चिकन डिजाइन, सब कुछ आप पसंद के मुताबिक कर सकते हैं। अगर आप राज्य के आधार पर डेकोरेटिव थीम चाहते हैं, यही नहीं, आपने आजकल देखा होगा कि ड्राइंगरूम की मेज टॉप मिरर की बनी होती है। ऐसे में आप मिरर से झांकता हुआ अपना कोई भी ट्रेडिशनल आर्टिफिकेट मेज पर रख सकते हैं। इसके बाद आपको मेज पर किसी भी प्रकार के टेबल क्लॉथ बिछाने की जरूरत नहीं रहेगी, क्योंकि हर आने वाला व्यक्ति इस एंटीक अंदाज पर फिदा हो जाएगा।
इसके अलावा, ड्राइंगरूम के कोनों में भी एंटीक आइटम्स को सजा सकते हैं। इसके लिए बाजार में नक्काशीदार कॉर्नर से लेकर, हाथी, घोड़े, वॉर वैरियर और टेलिफोन स्टैंड तक बाजार में आसानी से मिल जाते हैं। घर में एंटीक टेलिफोन से भी राजसी लुक दे सकते हैं। ये आज भी मार्केट में उपलब्ध हैं।
इंटीरियर डिजाइनर कहते हैं, अब तो पुराने नक्काशीदार बर्तन भी आसानी से मिल जाते हैं। आप इन बर्तनों से मेहमानों को खाने-पीने का सामान सर्व कर सकते हैं। वैसे, लुक के हिसाब से आप इसे लॉबी में सजावटी सामान के तौर पर भी रख सकते हैं।
इसके अलावा घर की पुरानी बेकार डिजाइनदार चादरों की कटिंग करके आप उन्हें फ्रेम करा सकते हैं। इससे आपकी दीवारों को एंटीक टच मिलेगा। इसी तरह अपने पूर्वजों की फोटो को फ्रेम करवाकर लगवा सकते हैं। ड्राइंगरूम के डेकोरेटिव लुक में पुरानी तस्वीरों से डिफरेंट गेटअप भी मिल सकेगा।

special post

कुमाऊंनी भाषा के कबीर रहीम की जोड़ी डा. अनुजा भट्ट

   हल्द्वानी जो मेरे बाबुल का घर है जिसकी खिड़की पर खड़े होकर मैंने जिंदगी को सामने से गुजरते देखा है, जिसकी दीवारों पर मैंने भी कभी एबीसी़डी ...