फैशन में रफल्स डा अनुजा भट्ट


 

जर्मन में एक शब्द है रफेलन जिसका अर्थ है सिकुड़ना। रफल्स शब्द वहीं से निकला है। 17वीं शताब्दी का फैशन रफल्स वर्तमान फैशन में एक बड़ी हिट के सबको अपनी ओर आकर्षित कर रहा है।  

   ब्रिटिश काल में इसका उपयोग गले में पहनने वाले मफलर, टाई और आस्तीन के कफ में होता था। अब हमारे फैशन अन्वेषकों ने आधुनिक तरीके से इन रफल्स को फिर से स्थापित किया जो हमारे पारंपरिक परिधानों के साथ मिलकर और भी खूबसूरत हो गया है।

फ्लॉसी, फ्रिल, रफल्स से हम सब अपने आप को फेमिनिन महसूस कर सकते हैं,लेकिन इसके पीछे का इतिहास कुछ और भी है। रफ़ल की उत्पत्ति 15 वीं शताब्दी के दौरान जर्मनी में हुई जब सैनिकों ने अपनी आस्तीन को इस तरह खींच कर फाड़ दिया कि चर्र की आवाज आई। जहां से आस्तीन को फाड़ा गया था वहां कुछ घुमावदार और सिकुड़न सी दिखाई दी जिसे रफल्स कहा गया।


 बाद में ओक्साका में स्वदेशी महिलाओं द्वारा, राष्ट्रपतियों द्वारा और बहुत बाद में जेरी सीनफील्ड और रिहाना जैसी हस्तियों द्वारा इसे अपनाया गया। रफ़ल्स ने कॉस्ट्यूम डिज़ाइन में भी अपना परचम लहराया। नाटक के एतिहासिक पात्रों की वेशभूषा में इस डिजाइन का प्रयोग हुआ। संदर्भ के लिए आप शेक्सपीयर के नाटक देख सकते हैं।


इस तरह से रफल्स और रफल्स से मिलते जुलते फ्लिज़्स और फ्रिल्स - यह सब हमारे परिधानों में दिखने लगे। ब्लाउज, स्कर्ट और शर्ट सजावट के रूप में।

 यह कहना कि केवल संभ्रांत महिलाएं ही इस तरह के डिजाइन किए परिधान पहनती थीं सही नहीं होगा। बल्कि सैनिक और दरबारियो के कपड़ें में भी इस तरह का प्रयोग होता था। कहने का अर्थ यह है कि खास से आम तक सबके परिधानों में इसने अपनी जगह बनाई।

 अब बात करते हैं कुछ सिलेब्रिटी की।

 सबसे पहले बात आलिया भट्ट की।

आलिया भट्ट जिन्होंने रजिया, गलीबॉय, ब्रह्मास्त्र, कलंक, तख्त और सड़क 2 जैसी विभिन्न फिल्मों में अपने बेहतरीन प्रदर्शन से हमारा दिल चुरा लिया है। वह कभी भी अपने फैशन सेंस को दिखाने का मौका नहीं छोड़ती हैं।


 वह सब्यसाची की 20 वीं वर्षगांठ के कार्यक्रम में प्रिंटेड रफ़ल साड़ी पहने हुए स्पॉट की गई। उनका सिग्नेचर लुक बेल्ट, न्यूड मेकअप, और पोनीटेल के साथ था।

शिल्पा शेट्टी ने स्टेटमेंट साड़ी को अपना सिग्नेचर स्टाइल बनाया । उनकी गुलाबी रफ़ल साड़ी को फैशन डिजाइनर रिद्धि मेहरा ने बनाया था। शिल्पा ने इसे लाल मनकों से सजे कोर्सेट शैली के ब्लाउज के साथ पहना था। चोकर, अंगूठियां और कंगन के साथ वह बहुत सुंदर लग रही थीं। इसके अलावा शिल्पा ने एक पन्ना जड़ित बेल्ट को भी कमर पर बांधा।


चित्रांगदा ने मिस इंडिया 2019 रेड कार्पेट पर फैशल डिजाइनर शिवान और नरेश के ब्लैक ऑर्गेना रफ्फल साड़ी में धूम मचाई।

बिना आस्तीन के हीरे जड़ित ब्लाउज को उन्होंने अपना सिगनेचर लुक बनाया। कमर पर हरे रंग का पन्ना जड़ी बेल्ट से वह और भी सुंदर लगी।

गुलाबी रफ़ल साड़ी में मौनी रॉय अपनी फिल्म रोमियो अकबर के ट्रेलर लॉन्च इवेंट में नजर आई।

मिस वर्ल्ड 2017 मानुषी छिल्लर ने फैशन डिजाइनर अबू जानी और संदीप खोसला की ऑर्गेंजा ब्लैक रफल साड़ी पहनी।

निधि अग्रवाल ने टीच फॉर चेंज चैरिटी फैशन शो के इवेंट में फैशन डिजाइनर वरुण चक्किलम द्वारा कशीदाकारी स्पेगेटी स्ट्रैप ब्लाउज के साथ लाल रफ़ल साड़ी का चयन किया। पोल्की नेकलेस, न्यूट्रल मेकअप और लहराते बाल उनके लुक को बढ़ाते हैं।


शमिता ने डिजाइनर वरुण बहल की रफ़ल साड़ी को मोती चोकोर के साथ पहना तो दीपिका का अंदाज सबसे अलग था। वह पीले रंग की रफल साड़ी में टाई पहने हुए स्पाट की गई।


कपड़ों के हैं रंग निराले, कुछ चमकीले कुछ है सादे

 डा. अनुजा भट्ट

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आज आपके लिए पेश कर रहा है फेब्रिक के बारे में जानकारियां...

आज हम फ्रेबिक के बारे में बात करेंगे।

बात की शुरूआत कॉटन से..

·            कॉटन( Cotton)

 जिसे हिंदी में सूती कहते हैं। यह कपास से बनाया जाता है। इस पौधें में रूई निकलती है जिससे सूत काता जाता है और इससे धागा बनता है । सूत से ही सूती शब्द बना है। यह हजारों सालों से उपयोग में लाया जा रहा है . सूती कपड़ा बहुत आरामदायक होता है .यह दुनिया भर में सबसे अधिक पसंद किये जाने वाला कपड़ा है . इसमें किसी केमिकल का उपयोग नहीं होता अतः स्किन को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाता है . एलर्जी या रेशेज होने की संभावना बहुत कम होती है .

कई प्रकार के कपड़े जैसे कैलिको , डेनिम , ड्रिल , टेरी टोवलिंग . कैम्ब्रिक , गेबरडीन , पापलीन , वेलवेट आदि कॉटन से बनाये जाते हैं . इसके अलावा कॉटन के साथ अन्य फेब्रिक को मिलकर कॉटन ब्लेंड फेब्रिक जैसे कॉटन लिनन , कॉटन ट्वील , कॉटन जर्सी , कॉटन साटिन आदि कपड़े बनाये जाते हैं .

·          पोलीकॉटन ( Policotton)

यह प्राकृतिक कॉटन तथा सिंथेटिक पोलिस्टर यार्न को मिलाकर बनाया जाता है . कपड़े के उपयोग किये जाने के अनुसार कॉटन और पोलिस्टर की मात्रा में भारी फेरबदल हो सकता है . पोली कॉटन कपड़ा पतला और वजन में हल्का होता है और बहुत मजबूत होता है . ये लम्बे समय तक ख़राब नही होता .इस कपड़े में सूती कपड़े का आराम और सिंथेटिक कपड़े की मजबूती दोनों का लाभ मिल जाता है . इसके कुछ उदहारण में लिमा कॉटन , पोपलिन , मुस्लिन , पनामा , कैनवास आदि शामिल हैं ये कपड़े मजबूत होने के साथ ही इनमे जल्दी सिलवट नहीं पड़ती , हवा लगती है , इस पर इस्त्री करना आसान होता है , यह सिकुड़ता नहीं है , कॉटन से सस्ता होता है , ज्यादा बार धोया जा सकता है .

·          लिनन – Linen

अलसी के पौधे से मिलने वाला रेशा Fiber लिनन कहलाता है . इस फाइबर से बने कपड़े बहुत आरामदायक और मजबूत होते हैं . लचीलापन कम होने के कारण तह लगाकर बार बार इस्त्री करने से इसके रेशे टूट सकते है . लिनन से पहनने के कपड़ों के अलावा , कई प्रकार के उत्पाद बनाये जाते हैं जैसे परदे , सोफा कवर , जैकेट , टेबल क्लॉथ , बिस्तर और उसके कवर , तौलिये आदि .  इसका उपयोग जैकेट की आंतरिक परत के लिए भी किया जाता है, इसलिए नाम "अस्तर" है।

 

·         रेशम , सिल्क – Silk

सिल्क दुनिया का सबसे ज्यादा चमकीला और सुन्दर प्राकृतिक रेशा है . यह रेशम के कीड़े द्वारा बनाया जाता है . रेशम के धागे से कपड़े बनाना आसन नहीं है इसमें बहुत मेहनत लगती है इसलिए सिल्क से बने कपड़े बहुत महंगे होते हैं .सिल्क से बने कपड़े बहुत मुलायम , चमकदार और शाही होते हैं. रेशन का प्राकृतिक धागा हाइपो एलेर्जेनिक होता है यानि इसे पहनने से एलर्जी नहीं होती .सिल्क से बने कई फेब्रिक जैसे शिफोन , जोर्जट , ओर्गेन्जा , टसर , क्रेप , साटिन आदि दुनिया भर में बहुत पसंद किये जाते हैं . सिल्क से कपड़े दिखने में मुलायम भले ही हों लेकिन मजबूती मे कम नहीं होते हैं .

 

·         क्रेप – Crep

क्रेप शब्द फ्रेंच भाषा में क्रीपर से बना है जिसका मतलब सिलवट वाला होता है . क्रेप कपड़ा की विशेषता यही होती है कि इसकी सतह खुरदरी होती है . छूने पर यह कपड़ा दानेदार महसूस होता है ।यह किसी भी फाइबर से बना हों सकता है  अगर सिल्क से बना हो तो इसे क्रेप सिल्क कहते हैं और यदि कॉटन से बना हो तो इसे कॉटन क्रेप कहते है . सिल्क से बना क्रेप चमकदार होता है . क्रेप प्राकृतिक और कृत्रिम दोनों तरह के धागों से बनाया जा सकता है . पोलिस्टर क्रेप बहुत कॉमन है और बहुत किफायती भी है .सिंथेटिक क्रेप की देखभाल अपेक्षाकृत आसान होती है . इसमें जल्दी से सिलवटें नहीं पड़ती इसलिए पहनना आसान होता है वजन में यह हल्का होता है इससे बने कपडे बहुत पसंद किये जाते हैं . क्रेप कपड़े का उपयोग कपड़े बनाने के लिए किया जा सकता है, जैसे  सूट, ब्लाउज, पैंट, और बहुत कुछ। Crêpe घर की सजावट में  जैसे पर्दे और तकिए के कवर के लिए भी इसका उपयोग होता है ।

 

·         लाईक्रा – Licra

यह कपड़ा इलास्टेन नामक मेटेरिअल से बना होता है जो इन्सान द्वारा विकसित किया गया कृत्रिम फाइबर है . इलास्टेन को spandx के नाम से भी जाना जाता है . इससे स्पोर्ट्स वेयर , स्विम वेयर . अंडर गारमेंट्स आदि बनाये जाते हैं .

इसे कितनी भी बार खींचें यह लौटकर पुनः अपनी प्रारंभिक अवस्था में आ जाता है . यह वजन में हल्का , मुलायम और चिकनी सतह वाला होता है . इसे किसी अन्य रेशे के साथ मिलाकर कपड़ा बनाया जा सकता है . यह धूप , पसीने या डीटरजेंट से ख़राब नहीं होता है

उपयोग के हिसाब से लाईक्रा की मात्रा कम या ज्यादा करके कपडे बनाये जाते हैं . बाजार में लाइक्रा के नाम से बिकने वाले फैशनेबल कपड़ों में लाइक्रा की मात्रा सिर्फ 2 – 3 % ही होती है . स्पोर्ट्स वेयर बनाने के लिए लाईक्रा की मात्रा 25 – 30 % तक रखी जाती है

·            पोलिस्टर – Polyester

पोलिस्टर एक मानव निर्मित सिंथेटिक फाइबर है जो कोयला और पेट्रोलियम जैसे पेट्रोकेमिकल से बनाया जाता है ।यह कपड़ा बहुत मजबूत और नर्म होता है . इसमें जल्दी सिलवटें नहीं पड़ती . इसे दूसरे रेशे के साथ बुना जा सकता है. इन कपड़ों में ना तो हवा लगती है और ना ही इनमे सोखने की ताकत होती है . ये कपड़े पहनने से असहज और चिपचिपा महसूस होता है . जिन लोगों की स्किन सेंसिटिव होती है उन्हें यह कपड़ा पहनने से एलर्जी हो सकती है . इसके अलावा यह कपड़ा तुरंत आग पकड़ लेता है . रसोई घर में ये कपड़े पहनना सुरक्षित नहीं होता है .

 

 

·          रेयोन या विस्कोस – Reyon Viscose

रेयान को ही विस्कोस भी कहते हैं . यह फेब्रिक सेल्युलोस फाइबर से बनता है जो लकड़ी में पाया जाता है . रेयान सस्ता , नर्म , हवा पास होने वाला , किसी दूसरे रेशे के साथ बुना जा सकने वाला , और आसानी से रंग चढ़ाये जा सकने वाला फेब्रिक है . इसे ड्राई क्लीन करवाना पड़ता है क्योकि धोने से यह ख़राब हो जाता है .

यह खिंच कर ढीला हो जाता है और वापस अपनी अवस्था में नहीं आता कपड़ा बहुत मजबूत नहीं होता और गीला होने से कमजोर हो जाता है . परदे या होम फर्निशिंग में काम नहीं आता . दाग धब्बे जल्दी लग जाते हैं .

दूसरे रेशे के साथ मिलाकर बनाया कपड़ा सस्ता पड़ने के कारण इसका  बहुत  उपयोग होता है .विस्कोस(Viscose) विस्कोस एक अर्ध-सिंथेटिक प्रकार का रेयान फैब्रिक है जो लकड़ी के गूदे से बना होता है, जो रेशम के विकल्प के रूप में उपयोग किया जाता है। यह रेशम जैसा कपड़ा है और यह आकर्षक है इसका उपयोग कपड़ों की वस्तुओं जैसे कि ब्लाउज, कपड़े और जैकेट के लिए किया जाता है, और कालीन बनाने के लिए भी।

 

·          वेलवेट – Velvet

यह विशेष प्रकार की बुनाई से बनाया गया कपडा होता है जिसमे एक विशेष प्रकार का शाही लुक आता है . यह किसी विशेष रेशे से नहीं बनता बल्कि यह कपड़ा बनाने का एक तरीका है . अलग कपड़े के उपयोग किये जाने से इसे अलग नाम से पुकारा जाता है जैसे मार्बल वेलवेट , शिमर , प्लश , कॉटन वेलवेट , ब्रोकेड वेलवेट , क्रश्ड वेलवेट आदि

यह प्राकृतिक रेशे जैसे कॉटन , वूल , लिनन , रेशम तथा कृत्रिम रेशे जैसे रेयोन , पोलिस्टर आदि किसी से भी बनाया जा सकता है . यह सर्दी के मौसम में अच्छा रहता है क्योकि इसकी मोटाई अधिक होती है .पहनने के कपड़ों के अलावा वेलवेट से तकिया कवर , सोफा कवर , पर्दे आदि भी बनाये जाते हैं जो बहुत अच्छा look देते हैं . इसलिए दुनिया भर में बहुत पसंद किये जाते हैं . वेलवेट के गुण उसे बनाने में प्रयुक्त रेशे पर निर्भर होते है .

 

·          जोर्जट – Georgette

यह नायलॉन और पोलिस्टर को मिलाकर बनाया जाता है . महिलाओं को यह बहुत पसंद आता है क्योंकि यह हल्का , नर्म होता है और शानदार दीखता है . पहले इसे सिल्क से बनाया जाता था लेकिन अब सभी प्रकार के रेशे से बनाया जाता है . यह कम चमकीला होता है सामान्यतया चटक रंग में नहीं होता है , थोड़ा खिंच सकता है . यह यार्न में ट्विस्ट डालकर बनाया जाता है . यह एक प्रकार का क्रेप है ।

 

·          शिफोन – Chiffon

पहले शिफोन सिल्क से बनाया जाता था अब नायलोन तथा पॉलिस्टर से भी बनाया जाता है . पोलिस्टर शिफोन आने के बाद यह किफायती और मजबूत होने से बहुत लोकप्रिय हो गया है . यह कपडा पारदर्शक होता है . डेलिकेट होने के कारण इसे धोते वक्त ध्यान रखना पड़ता है . इसे ड्राई क्लीन करवाना अच्छा रहता है . यह नाजुक होने के कारण जल्दी उघड़ सकता है , यह जोर्जट से ज्यादा नर्म और चमकदार होता है .शिफॉन इतना फिसलता है कि सिलाई करना मुश्किल हो जाता है। कुछ टेलर कपड़ा सिलने के लिए कागज लगाते हैं ताकि सिलाई सही तरीके से हो सके . बाद में ध्यान से कागज निकाल दिया जाता है

 

·          कैनवस canvas

एक सादा-बुना कपड़ा है जो आमतौर पर भारी सूती धागे से बना होता है और कुछ हद तक, लिनन यार्न से। कैनवस कपड़े टिकाऊ, मजबूत होते हैं। सिंथेटिक फाइबर के साथ कपास सम्मिश्रण करके, कैनवास पानी प्रतिरोधी या यहां तक कि जलरोधी बन सकता है, जिससे यह एक आउटडोर कपड़े बन सकता है।  कैनवस एक अत्यंत टिकाऊ सादा-बुना कपड़ा है जिसका उपयोग नाव की पाल, टेंट, मार्के, बैकपैक्स, शेल्टर बनाने के लिए किया जाता है, तेल चित्रकला के लिए एक सहायक के रूप में और अन्य वस्तुओं के लिए, जिसके लिए एबंट की आवश्यकता होती है, साथ ही हैंडबैग, जैकेट और जूते।

 

·          कश्मीरी kasmeri / मेरिनो ऊन(Merino Wool)

एक प्रकार का ऊन का कपड़ा है जिसे कश्मीरी बकरियों और पश्मीना बकरियों से बनाया जाता है। कश्मीरी एक प्राकृतिक फाइबर है जो अपने अत्यंत नरम अहसास के लिए जाना जाता है। तंतु बहुत महीन और नाजुक होते हैं, स्पर्श करने पर एक रेशमी कपड़े की तरह महसूस होता है।  अक्सर कश्मीरी को ऊन के मिश्रण में बनाया जाता है और अन्य प्रकार के ऊन के साथ मिलाया जाता है, जैसे मेरिनो। मेरिनो ऊन एक प्रकार का ऊन है जो मेरिनो भेड़ के कोट से इकट्ठा किया जाता है। मेरिनो ऊन को एक शानदार फाइबर माना जाता है और इसका उपयोग अक्सर मोजे और बाहरी कपड़ों के लिए किया जाता है।

·           जर्सी (Jersey)

एक नरम स्ट्रेचबल बुना हुआ कपड़ा है जो मूल रूप से ऊन से बनाया गया था। आज कपास, कपास मिश्रणों और सिंथेटिक फाइबर से भी जर्सी बनाई जाती है। स्वेटशर्ट या बेड शीट  बनाने में इसका उपयोग होता है।

 

·          शनील sanel

शनील का कपड़ा नरम  होता है। यह भी एक बुना हुआ कपड़ा है जो विभिन्न प्रकार के विभिन्न रेशों से बनाया जा सकता है, जिसमें कपास, रेशम, ऊन और रेयान शामिल हैं।

 

·          दमस्क(Damask)

एक प्रतिवर्ती, जेकक्वार्ड-पैटर्न वाला कपड़ा है, जिसका अर्थ है कि पैटर्न कपड़े पर बुना हुआ है,  यह प्रिंट में भी बनता है । कपड़े का डिज़ाइन बुनाई के माध्यम से बनाया गया है, जो दो अलग-अलग बुनाई तकनीकों का एक संयोजन है। दमस्क पैटर्न या तो बहु-रंगीन या एकल रंग का हो सकता है। रेशम, लिनन, कपास, ऊन, या सिंथेटिक फाइबर, जैसे रेयान जैसे विभिन्न वस्त्रों से कई प्रकार के दमस्क बनाए जा सकते हैं।

·          गिंगहम(Gingham)

एक सूती कपड़ा है, जिसे एक चेक पैटर्न बनाने के लिए एक सादी बुनाई का उपयोग किया जाता है। गिंगहैम आमतौर पर दो-रंग का पैटर्न है,  लाल और सफेद या नीला और सफेद ।  पैटर्न विभिन्न आकारों में आ सकते हैं। Gingham पैटर्न प्रतिवर्ती है और दोनों तरफ समान दिखाई देता है। इसकी कम लागत और उत्पादन में आसानी के कारण गिंघम एक लोकप्रिय कपड़ा है।

 

·          साटन(Satin)

साटन बुनाई एक लोचदार, चमकदार, मुलायम कपड़ा  है। साटन कपड़ा एक तरफ नरम, चमकदार और दूसकी तरफ सादा। यह साटन बुनाई तकनीक का एक परिणाम है।

 

·          स्वेड(Suede)

एक प्रकार का चमड़ा है जिसे जानवरों की खाल के नीचे से बनाया जाता है, जो इसे नरम सतह देता है। स्वेड आमतौर पर भेड़ के बच्चे से बनाया जाता है, लेकिन यह अन्य प्रकार के जानवरों से भी बनाया जाता है, जिसमें बकरी, सुअर, बछड़े, और हिरण शामिल हैं। इसका उपयोग जूते, जैकेट और सहायक उपकरण के लिए किया जाता है, जैसे बेल्ट और बैग।

 

·         तफ़ता(Taffeta)

एक  सादा बुना हुआ कपड़ा है, जो रेशम के अलावा पॉलिएस्टर, नायलॉन, एसीटेट या अन्य सिंथेटिक फाइबर के साथ भी बुना जा सकता है। तफ़ता कपड़े में आमतौर पर चमक होती है।  तफ़ता वजन में हल्का है इससे अस्तर कपड़ा बनता है।

 

·         (Toile) टॉइल

यह शब्द फ्रेंच का है। जिसका मलब है फ्रैब्रिक। यह  एक विशिष्ट प्रकार का लिनन है जो एक एक रंग में  बनता है आमतौर पर काले, नीले, या लाल रंग में। यद्यपि शब्द टॉइल का मतलब फ्रेंच में फैब्रिक है,  1700 के दशक में फ्रांस में इसने लोकप्रियता हासिल की। टॉयल डिज़ाइन गैर-फैब्रिक आइटम जैसे वॉलपेपर और फाइन चाइना के लिए लोकप्रिय हैं।  सका उपयोग भी घर की सजावट के लिए होता है।

 

·          ट्वीड(Tweed)

एक मोटा बुना हुआ कपड़ा होता है जिसे आमतौर पर ऊन से बनाया जाता है। एक सादे बुनाई या टवील बुनाई का उपयोग करके इसे बुना जा सकता है। यह एक अत्यंत गर्म,  मोटा और सख्त होता है। ऊन के ट्वीड को अक्सर  विभिन्न रंगों के धागों का उपयोग करके बुना जाता है। ट्वीड सूट और जैकेट के लिए बहुत लोकप्रिय है,  शिकारी लोग इस तरह के कपड़े को बहुत पसंद करते थे।

 

·          टवील(Twill)

टवील तीन प्रमुख प्रकार के कपड़ा बुना जाता है। कपड़े अपारदर्शी, मोटा और टिकाऊ है। ट्विल कपड़े शायद ही कभी  प्रिंट होते हैं, हालांकि कई रंगों के यार्न का उपयोग ट्वीड और हाउंडस्टूथ जैसे डिजाइनों को प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है।  इसका उपयोग डेनिम,  और बेड लिनेन के लिए किया जाता है।

 

 

·          मलमल(Muslin)

मलमल एक ढीला-ढाला सूती कपड़ा है। यह सादे बुनाई तकनीक का उपयोग करके बनाया गया है, जिसका अर्थ है कि एक एकल यार्न यार्न बारी-बारी से और एक ही ताना यार्न के नीचे।

 

·         25) ऑर्गेज़ा Organza

मूल रूप से रेशम से बनाया गया था।  सिंथेटिक फाइबर, मुख्य रूप से पॉलिएस्टर और नायलॉन से भी बनाया जा सकता है। ऑर्गेना को पूरे कपड़े में बहुत छोटे छेद ही उसकी विशेषता है,  ऑर्गेज़ा शादी के गाउन बनाने के लिए बेहद लोकप्रिय है, क्योंकि  इसमें एक झिलमिलाहट का अहसास होता है।

 

·         26) लेस(Lace)

फीता यार्न या धागे से बना एक नाजुक कपड़ा है, जो विभिन्न तरीकों  से बनाया जाता है मूल रूप से रेशम और लिनन से बनाया गया था, लेकिन आज सूती धागे और सिंथेटिक फाइबर दोनों का उपयोग किया जाता है। फीता एक सजावटी कपड़ा है जिसका उपयोग घर की सजावट की वस्तुओं को उभारने के लिए किया जाता है।

 

·         27) चमड़ा(Leather)

जिसे जानवरों की खाल या खाल से बनाया जाता है और अलग-अलग तरह के जानवरों और विभिन्न उपचार तकनीकों के परिणामस्वरूप अलग-अलग चमड़े निकलते हैं। जबकि काउहेड चमड़े के लिए उपयोग की जाने वाली सबसे लोकप्रिय पशु त्वचा है, जिसमें लगभग 65 प्रतिशत चमड़े का उत्पादन होता है, लगभग किसी भी जानवर को चमड़े में बनाया जा सकता है, मगरमच्छ से लेकर सूअर तक। चमड़ा एक टिकाऊ, शिकन प्रतिरोधी कपड़े है, और यह जानवरों के प्रकार, ग्रेड और उपचार के आधार पर कई अलग-अलग लग रहा है और महसूस कर सकता है।

·         28) मॉडल(Modal)

मोडल फैब्रिक एक अर्ध-सिंथेटिक फैब्रिक है जो पेड़ के गूदे से बना होता है, जिसका इस्तेमाल मुख्य रूप से कपड़ों के लिए किया जाता है, जैसे अंडरवियर और पजामा, और घरेलू सामान, जैसे चादर और तौलिया। मोडल रेयान का एक रूप है, हालांकि यह रेयॉन की तुलना में थोड़ा अधिक टिकाऊ और लचीला है। मोडल को अक्सर कपास और स्पैन्डेक्स जैसे अन्य फाइबर के साथ मिश्रित किया जाता है। मोडल को एक नरम कपड़ा माना जाता है जो विस्कोस की तुलना में अधिक महंगा है।

·          शान्तांग (Shantung)

चीन के शेडोंग प्रांत में बनने वाला यह कपड़ा ऐतिहासिक रूप से रेशमी है। यह डुपियोनी के समान है। शान्तांग का उपयोग अक्सर दुल्हन के गाउन के लिए किया जाता है।

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